पुराने लोग सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण पर बहुत विश्वास करते थे उनका मानना था कि यह ग्रहण से राशियों पर प्रभाव पड़ता है लेकिन कहीं ना कहीं आने वाली यह जनरेशन इस चीज को ज्यादा नहीं मानती है पर विद्वानों का कहना हैं की कहीं ना कहीं राशियों का प्रभाव सूर्य और चंद्र ग्रहण पर पड़ता है।
साल का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को लगने जा रहा है. यह सूर्य ग्रहण मेष राशि में लगेगा. हालांकि, यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा फिर भी इसका असर देश दुनिया और मानव जीवन पर पड़ेगा. आइए जानते हैं कि सूर्य ग्रहण के समय किन गलतियों से सावधान रहना चाहिए
20 अप्रैल को लगने वाले इस सूर्य ग्रहण को वैज्ञानिक हाइब्रिड सूर्य ग्रहण का नाम दे रहे हैं। साल के इस पहले ग्रहण की शुरुआत 20 अप्रैल 2023 को सुबह 7 बजकर 04 मिनट से होगी। यह सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर खत्म हो जाएगा
हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को साल का पहला ग्रहण लगेगा। हर वर्ष सूर्य और चंद्र ग्रहण लगते हैं जिसे विज्ञान में इस खगोलीय घटना माना जाता है जबकि ज्योतिष शास्त्र में इस खगोलीय घटना का विशेष महत्व होता है। 20 अप्रैल को लगने वाला यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा जिस कारण से इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। हालांकि इस सूर्य ग्रहण का प्रभाव हर एक राशि के जातकों के जीवन पर अवश्य ही पड़ेगा। 20 अप्रैल को लगने वाले इस सूर्य ग्रहण को वैज्ञानिक हाइब्रिड सूर्य ग्रहण का नाम दे रहे हैं। आइए जानते हैं साल के पहले सूर्य ग्रहण से जुड़ी सभी जानकारियां
कैसा होगा सूर्य ग्रहण
खगोल वैज्ञानिकों के मुताबिक साल का पहला सूर्य ग्रहण 3 तरह का दिखाई देगा जिसमें यह आंशिक, पूर्ण और कुंडलाकार के रूप में होगा। इस तरह से साल 2023 का यह पहला सूर्य ग्रहण हाइब्रिड सूर्य ग्रहण होगा क्योंकि जब सूर्य ग्रहण आंशिक, पूर्ण और कुंडलाकार रूप में हो तो इसे हाईब्रिड सूर्य कहते हैं। आंशिक सूर्य ग्रहण की घटना के दौरान चंद्रमा सूर्य के छोटे से हिस्से को ढक पाता है। वहीं पूर्ण सूर्य ग्रहण तब होता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा तीनों ही एक ही सीध में होते हैं। ऐसे में धरती के एक हिस्से में कुछ देर के लिए पूरी तरह से अंधेरा छा जाता है। इसके अलावा कुंडलाकार सूर्य ग्रहण होता है जब ग्रहण के दौरान चंद्रमा सूर्य के बीचों-बीच आ जाता है फिर सूर्य एक चमकदार रिंग की तरह दिखाई देने लगता है। इस तरह के सूर्य ग्रहण को रिंग ऑफ फायर कहा जाता है।
सूर्य ग्रहण का प्रभाव
भारत में इस सूर्य ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा। जिस कारण से इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। सूतक काल को अशुभ समय माना जाता है। सूर्य ग्रहण के लगने से 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है जिस दौरान किसी भी तरह का शुभ कार्य, पूजा और खाना इत्यादि नहीं बनाया जाता है। सूर्य ग्रहण का प्रभाव सभी जातकों के ऊपर पड़ता है। साल के पहले सूर्य ग्रहण का प्रभाव सिंह, वृश्चिक, कुंभ और मीन राशि के जातकों पर पड़ सकता है।