मध्य प्रदेश में इस साल आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। 15 महीनों को छोड़ दें तो 2003 से लगातार प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार काबिज है। सत्ता में बने रहने के लिए पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने कवायद शुरू कर दी है। संघ प्रमुख मोहन भागवत 17 दिन में दूसरी बार मध्य प्रदेश के दौरे पर आ रहे हैं। इस बार वे कल यानी 16 अप्रैल को बुरहानपुर जा रहे हैं, 18 अप्रैल को जबलपुर पहुंचेंगे। भागवत 31 मार्च को भोपाल में शहीद हेमू कालाणी जन्मशताब्दी समारोह में शामिल हुए थे।
बुरहानपुर में आज धर्म संस्कृति सभा का आयोजन हो रहा है। इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डा. मोहन भागवत और बद्रिकाश्रम हिमालय के संत स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती शामिल हो रहे हैं।
ताप्ती नदी के किनारे महाजनापेठ में पपू गोविंदनाथ महाराज की समाधि का लोकार्पण करेंगे। गोविंदनाथ महाराज अहिल्या बाई होल्कर के गुरू माने जाते हैं।
रविवार सुबह संघ प्रमुख महाजनादेश के नाथ मंदिर पहुंचे श्री राम दरबार के दर्शन किए। स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य भी हैं। सभा में नाथ पीठाधीश्वर अमरावती स्वामी जितेंद्र नाथ, महामंडलेश्वर स्वामी हरिहरानंद महाराज, स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती, नागपुर के राजे मुधोजी भोसले सहित निमाड़ क्षेत्र के कई संत शामिल हो रहे है। सभा रेवा गुर्जर भवन में रविवार सुबह से जारी है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक डॉ. मोहन भागवत रविवार सुबह 10.30 महाराष्ट्र से शाहपुर होते हुए कार से बुरहानपुर पहुंचे। कुछ देर में वह ताप्ती नदी के किनारे महाजनापेठ में पपू गोविंदनाथ महाराज की समाधि का लोकार्पण करेंगे। गोविंदनाथ महाराज अहिल्या बाई होल्कर के गुरू माने जाते हैं।
जीर्णोद्धारित समाधी स्थल का लोकार्पण
खास बात यह है कि 1933 में संघ की बुरहानपुर जिले में पहली शाखा की शुरूआत भी यहीं से हुई थी। 1962 में ताप्ती नदी में आई बाढ़ के कारण समाधि स्थल को नुकसान पहुंचा था। अब इसका जीर्णोद्धार कराया गया है जिसका लोकार्पण कुछ देर में डॉ. मोहन भागत करने वाले हैं।भागवत दो दिन बुरहानपुर में रूकेंगे। इस दौरान आज भव्य धर्म संस्कृति सम्मेलन, चिंतन बैठक, भगवान श्रीराम दरबार प्रतिमा स्थापना और पपू गोविंदनाथ महाराज की जीर्णोद्धारित समाधी स्थल का लोकार्पण है।
भव्य धर्म संस्कृति सम्मेलन को करेंगे संबोधित
समाधि के लोकार्पण के बाद आरएसएस सर संघचालक स्थानीय रेवा गुर्जर समाज भवन शिकारपुरा के सामने भव्य धर्म संस्कृति सम्मेलन को संबोधित करेंगे। भव्य धर्म संस्कृति समेलन की अध्यक्षता शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती बद्रिकाश्रम हिमालय करेंगे।
अतिथि के बतौर महामंडलेश्वर स्वामी हरिहरानंद महाराज, स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती भारतीय संत समिति, स्वामी जितेंद्रनाथ महाराज श्रीनाथ पीठाधीश्वर देवनाथ मठ, श्रीमंत राजे मुधो भोसले नागपुर रहेंगे। उनके अलावा देश, प्रदेश के प्रमुख संत भी शामिल होंगे। संतों के आगमन का दौर शनिवार शाम से ही शुरू हो गया था।
समाधि पर होगा बाल संस्कार केंद्र, धर्म और संस्कृति की देंगे शिक्षा
समाधि स्थल पर बाल संस्कार केंद्र होगा। यहां धर्म और संस्कृति की शिक्षा दी जाएगी। इसका लोकार्पण भी मोहन भागवत कुछ देर में करने वाले हैं। साथ ही विश्व मांगल्य सभा का केंद्र भी यहां बनेगा, नियमित रूप से सामाजिक, धार्मिक कार्यक्रम भी होंगे।
बीजेपी का हिंदुत्व का एजेंडा बरकरार
भागवत का हिंदू कार्यक्रमों में शिरकत करना दिखाता है कि हिंदुत्व, संघ और बीजेपी के एजेंडे में शामिल है। इसी अप्रैल में बीजेपी नेता राहुल कोठारी भोपाल में देवकीनंदन ठाकुर की कथा करा चुके हैं। मार्च में पनागर विधायक (जबलपुर) सुशील तिवारी (इंदु) बागेश्वर धाम के कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री की कथा करा चुके हैं। वहीं, जबलपुर केंट से बीजेपी विधायक अशोक रोहाणी ने भी बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री की कथा कराई थी। हरदा में कमल पटेल ने जया किशोरी की कथा करवाई। गढ़ा कोटा (सागर) में मंत्री गोपाल भार्गव ने राजेंद्रदास देवाचार्य की कथा करवाई थी।
बीजेपी को देखकर कांग्रेस भी पीछे नहीं
जबलपुर में विधायक तरुण भनोट जया किशोरी की कथा करवा चुके हैं। बदनावर में कांग्रेस नेता शरद सिसोदिया, इंदौर के कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला और देपालपुर से कांग्रेस विधायक विशाल पटेल भी प्रदीप मिश्रा की कथा करा चुके हैं।
कांग्रेस की भी भगवा चोला ओढ़ने की तैयारी
अप्रैल में भोपाल में कांग्रेस कार्यालय भगवामय दिखाई दिया। मौका था कांग्रेस का पुजारियों और धर्माचार्यों की धर्म संसद का। कांग्रेस के भगवामय होने के पीछे कांग्रेस के पुजारी प्रकोष्ठ की ओर से आयोजित की गई धर्म संसद थी। जिसमें प्रदेश के तमाम जिलों से मंदिरों के पुजारियों धर्म आचार्यों संतो को बुलाया गया था। इसी धर्म संसद के चलते कांग्रेस कार्यालय को पूरी तरह भगवामय कर दिया गया था। अपनी पिच पर कांग्रेस को बैटिंग करते देख बीजेपी ने इसे 2023 के लिए कांग्रेस का चुनावी स्वांग करार दिया। कमलनाथ ने कहा था, “क्या भगवा ट्रेडमार्क बीजेपी का है, उन्होंने ठेका लिया हुआ है? हम सब में धार्मिक भावनाएं हैं, पर हम इसे राजनैतिक मंच पर नहीं लाते। जब हम मंदिर जाते हैं, इनको पेट में दर्द होता है।