जिस उम्र में बच्चों को पढ़ाई लिखाई करके एक उच्च पोस्ट पर बैठना चाहिए देश की सेवा करना चाहिए तो वहीं पर अतीक ने अपने बेटे को एक गैंगस्टर बना कर छोड़ दिया और मौत भी कुछ ऐसी हुई कि ना अपने बेटे को देख सका ना उसकी मां लेकिन नाना नहीं इस बात का बहुत दुख जताया। भरा पूरा परिवार होने के बाद भी रिश्तेदारों ने किया अतीक अहमद के बेटे असद का अंतिम संस्कार।
यूपी एसटीएफ द्वारा गुरुवार (13 अप्रैल) को एनकाउंटर में मारे गए गैंगस्टर अतीक अहमद के बेटे असद का अंतिम संस्कार कसारी मसारी कब्रिस्तान में किया जाएगा। गैंगस्टर अतीक अहमद के बेटे असद के पार्थिव शरीर को दफनाने के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच प्रयागराज के कब्रिस्तान लाया गया। पिता अतीक अहमद और मां शाइस्ता अपने बेटे के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सके। मोहम्मद अरशद मौलाना ने बताया कि अतीक अहमद के पिता का भी अंतिम संस्कार भी इसी कब्रिस्तान में किया गया था।
उनके दिल से पूछना चाहिए कि क्या यह सही है- असद के नाना
असद के शव को दफनाने से पहले उसके नाना हामिद अली ने कहा कि हमने नहलाने, कफन का इंतज़ाम कर लिया है। हम उसको नहलाने के बाद उसको कब्रिस्तान ले जाएंगे जहां उसे सुपुर्द-ए-ख़ाक करेंगे। उनकी मां यहां नहीं है तो वह मजबूरी है। उनके दिल से पूछना चाहिए कि क्या यह सही है । हमने असद को बहुत प्यार से पाला था।
दादी और दादा के कब्र के पास दफनाया गया है असद
अतीक का सबसे बड़ा बेटा उमर लखनऊ जेल में निरुद्ध है, जबकि उसका उमर से छोटा बेटा अली नैनी सेंट्रल जेल में निरुद्ध है। वहीं चौथे नंबर का बेटा अहजम और सबसे छोटा बेटा अबान प्रयागराज के बाल सुधार गृह में हैं। उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन और उसके भाई अशरफ अहमद की पत्नी जैनब भी फरार है इसलिए असद के अंतिम संस्कार में अतीक के परिवार का कोई सदस्य शामिल नहीं हो पाया। कसारी मसारी कब्रिस्तान में असद की कब्र खोदने वाले जानू खान ने बताया कि अतीक अहमद की मां और उसके पिता की कब्र के पास असद की कब्र खोदी गई है।
चाचा ने तोडी चुप्पी।
बीती रात उसके शव को दूसरे शूटर गुलाम के साथ लाया गया और औपचारिकता के बाद परिवार को सौंप दिया। अतीक अहमद ने पहले अपने बेटे की मौत के लिए खुद को जिम्मेदार बताया। हालांकि शव के आने के बाद वो चुप्पी साध गया। हालांकि उसके चाचा अशरफ ने चुप्पी तोड़ी और कहा कि वो को अल्लाह की चीज था और अल्लाह ने उसे अपने पास बुला लिया। बताया जा रहा है कि असद की मां भी शाइस्ता परवीन अंतिम संस्कार का हिस्सा होना चाहती थी। लेकिन कब्रिस्तान के चारों तरफ पुलिस का कड़ा पहरा है। इन सबके बीच असद के नाना ने चुप्पी तोड़ी है और उन्होंने कहा कि उसको बहुत प्यार से पाला था।
एनकाउंटर में मारा गया गुलाम की मां खुशनुदा ने कहा कि जितने भी गंदा काम करने वाले हैं वह ज़िंदगी भर याद रखेंगे। हमारे हिसाब से (UP-STF ने) गलत नहीं किया। तुमने किसी को मारकर गलत किया और जब तुम्हारे पर कोई आया तो हम उसको गलत कैसे कहें?… मैं शव को नहीं लूंगी। उसकी पत्नी का उन पर हक है, मैं उसको मना नहीं कर सकती। मैं अपनी ज़िम्मेदारी लेती हूं कि हम नहीं लेंगे।
बेटे के जनाजे में शामिल नहीं होने से आहत अतीक
अतीक अहमद को बेटे असद के अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति नहीं मिली। इस पर अतीक ने आपत्ति ली। उसका कहना है कि अंतिम संस्कार में शामिल होना उसका अधिकार था।
असद का हुआ अंतिम संस्कार
अतीक अहमद के बेटे असद को दफनाते समय कब्रिस्तान में अतीक अहमद के रिश्तेदारों और परिचितों को ही दाखिल होने दिया गया और मीडियाकर्मियों को भीतर जाने की अनुमति नहीं दी गई थी। असद का शव लेकर एंबुलेंस भारी सुरक्षा के बीच सुबह करीब नौ बजे कब्रिस्तान पहुंची थी। एंबुलेंस में शव के साथ असद का फूफा उस्मान था। इस दौरान अतीक अहमद और उसके परिवार का कोई करीबी सदस्य नजर नहीं आया। कब्रिस्तान के चारों तरफ भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई थी।