आपको बतादें की भारत में अब ऑटो रिक्शा चालक, सब्ज़ी बेचने वाले और यहाँ तक कि कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करने वाले मज़दूर भी अब डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल कर रहे है. साल 2016 में डिजिटल पेमेंट को भारत में शुरू किया गया था. लेकिन कुछ ही सालों में ये लोगों के लिए बहुत आम सी बात हो गई है. आज हर कोई इस सुविधा का इस्तेमाल कर रहा है. एक रिपोर्ट से ये सामने आया है की भारत ने इस फील्ड में काफी तरक्की कर ली है. आपको बतादें की नीलेश शाह जो कोटक म्युचुअल फ़ंड के मैनेजिंग डायरेक्टर है इसके साथ ही वे प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य है वे बतातें है की भारत के लोग अब डिजिटल की दुनिया को अनुभव कर रहे है जो एक डिजिटल क्रांति है. उन्होंनें बताया की डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल अब देश के कोने कोने में तेजी से पहुंच रहा है. समाज के हर वर्ग में ये अपने पैरों को पसार रहा है.
अब लोग पैसे लेकर बाहर नही जाते है. लोग कैश ले जाना पसंद नही करते है. अब हर कोई सैलूनए कार पार्क और रेस्टोरेंट में वेटर को टिप देने जैसे काम के लिए भी कैश का इस्तेमाल नही करता है ये सारें काम अब डिजिटल पेमेंट के जरिए किए जाते है. बहुत से लोग अब ना अपने पास कैश रखते है ना ही क्रेडिट कार्ड. डिजिटल वॉलेट या ई.वॉलेट के जरिए लोग अपने खर्च को पूरा करने लगे है.
आपको बतादें की इस बैंकिंग सॉफ़्टवेयर एप्लीकेशन के जरिए लोग अपनी पेमेंट को पूरा करते है साथ ही ये लोगों की भुगतान जानकारियों को भी सुरक्षित रखता है. जिसमें लोग ना केवल खरीदारी करते है बल्कि वें मनी ट्रांसफ़र और अपने बाकी बिल का भी भुगतान करते है.