हिंदी पंचांग के अनुसार, हर महीने में कृष्ण पक्ष की अष्टमी को कालाष्टमी मनाई जाती है। इस प्रकार वैशाख महीने में कालाष्टमी गुरुवार 13 अप्रैल यानी आज है। इस दिन देवों के देव महादेव के क्रुद्ध स्वरूप काल भैरव की पूजा की जाती है। आज के दिन शिवालय में पूजा करके बाबा काल भैरव का आह्वान किया जाता है। कहते हैं कालाष्टमी के दिन काल भैरव में त्रिदेव की शक्तियां समाहित रहती हैं।
वैशाख कालाष्टमी मुहूर्त 2023
वैशाख कृष्ण अष्टमी तिथि की शुरुआत: आज, गुरुवार, सुबह 03:44 बजे से
वैशाख कृष्ण अष्टमी तिथि की समाप्ति: कल, शुक्रवार, 01:34 एएम पर
शिव योग: प्रात:काल से लेकर दोपहर 12:34 बजे तक
सिद्ध योग: दोपहर 12:34 बजे से कल सुबह तक।
उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर समेत देश के प्रमुख शिव मंदिरों में विशेष पूजा-आराधना की जाती हैं। साथ ही महा भस्म आरती की जाती है। इस मौके पर शिव मंदिरों को भव्य तरीके से सजाया जाता है। बड़ी संख्या में भक्तगण सुबह से बाबा के दर्शन हेतु मंदिर पहुंचते हैं। कहते हैं कि देवों के देव महादेव के काल भैरव रूप की पूजा करने से यश, कीर्ति, सुख और समृद्धि की प्राप्ति और बढ़ोत्तरी होती है।
पूजा विधि।
इस दिन गंगाजल युक्त पानी से स्नान-ध्यान कर सर्वप्रथम आचमन करें और व्रत संकल्प लें। अब सूर्य देव को जल का अर्घ्य दें। इसके पश्चात भगवान शिव के काल स्वरूप भैरव देव की पूजा फल, फूल, धूप-दीप, पंचामृत, दूध, दही, बिल्व पत्र, धतूरा आदि से करें। अंत में आरती अर्चना कर सुख, समृद्धि, धन, यश और कीर्ति की कामना करें। अगर व्रत रखना चाहते हैं, तो दिन भर उपवास रखें। संध्याकाल में आरती अर्चना के बाद फलाहार करें। इसके अगले दिन नित्य दिनों की तरह पूजा पाठ के बाद व्रत खोलें।