ब्रेन ट्यूमर, कलस्टर, इंफेक्शव और माइग्रेन की शुरुआती साइन हो सकते हैं. 

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आज इंसान दवाइयों पर कितना निर्भर हो गया है, इसके कई उदाहरण आपके घर में ही मिल जाएंगे. लोग छोटी-छोटी बीमारियों के लिए भी तुरंत दवाई का इस्तेमाल करते हैं. यहां तक कि थोड़ी सी भी परेशानी हो तो सबसे पहले लोग मेडिकल स्टोर ढूंढते हैं. समस्या यह है कि दवाइयों के लिए अब कोई डॉक्टरों की सलाह भी नहीं लेता, सर्दी, ​जुकाम, दर्द, बुखार के लिए लोग अपने आप से ही दवाइयां मेडिकल स्टोर से खरीद लाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह दवाइयां आपके लिए कितनी घातक साबित हो सकती हैं. आज हम बात कर रहे हैं पेन किलर्स की. आपको जानकर हैरानी होगी कि थोड़े बहुत दर्द के लिए आप जिन पेन किलर का इस्तेमाल करते हैं वह आपके स्वास्थ्य के लिए कितनी ज्यादा हानिकारक होती हैं.

आजकल के भागदौड़ वाली लाइफस्टाइल में लोगों को कई तरह के टेंशन होते हैं. इतने सारे टेंशन के कारण सिरदर्द की समस्या बेहद आम है. कई लोगों को इस टेंशन की वजह से  बुखार, सर्दी, जुकाम, या तेज धूप में लगातार रहने से सिरदर्द होता है. कई बार ये दिक्कत काफी ज्यादा बढ़ जाती है. इसलिए इन परेशानी को कभी भी इग्नोर नहीं करना चाहिए. खासकर जब सिर में लेफ्ट साइड दर्द हो तो हो सकती हैं ये बीमारी, इन लक्षणों को भूल से भी न करें इग्नोर…

जब सिरदर्द हो जाए बर्दाश्त से बाहर

कई ऐसे लोग हैं जो सिरदर्द में पेनकिलर खाते हैं. लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सिर के लेफ्ट साइड होने वाले दर्द में दवा खाना ठीक नहीं होतै. ये ब्रेन ट्यूमर, कलस्टर, इंफेक्शव और माइग्रेन की शुरुआती साइन हो सकते हैं. अगर लगातार सिर के लेफ्ट साइड में दर्द रहता है तो इसकी जांच तुरंत डॉक्टर से करवाना चाहिए. ताकि वक्त रहते बीमारी का पता किया जा सके. 

कैसे लगाएं बीमारी का पता?

सिर में अगर लगातार दर्द हो रहा है तो इसका पता सीटी स्कैन और एमआरआई स्कैन के जरिए ही लगाया जा सकता है. अगर वक्त रहते बीमारियों को पता न लगाया जाए तो यह शरीर के लिए काफी नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए शरीर में होने वाले किसी भी असहनीय दर्द को कभी भी इग्नोर नहीं करना चाहिए. 

सिर के बाईं तरफ दर्द के कारण
 
माइग्रेन (Migraine)

माइग्रेन को कभी भी मजाक में न लें क्योंकि इसमें कई बार ऐसा दर्द होता है जो आपके बर्दाश्त से बाहर होता है. इसमें कई बार सिरदर्द बर्दाश्त से बाहर हो जाता है.और चक्कर आने लगते है, जी मिचलाना और उल्टी जैसी दिक्कतें भी इसमें शुरू हो सकती है. 

क्लस्टर हेडेक (Cluster Headache)

इसमें सिरदर्द के साथ-साथ आंखों से पानी गिरना और चेहरे से पसीना निकलना, नाक बहना इन बीमारियों के लक्षण है. 

सवाईकोजेनिक हेडेक (Cervicogenic Headache)

इसमें लेफ्ट साइड सिरदर्द तो होता है साथ ही सुस्ती, उदासी और गर्दन दर्द, पीठ में दर्द जैसी दिक्कतें शुरू हो जाती है. 

पेनकिलर की ओवरडोज लेने से किडनी और िलवर डेमेज होता है। पेनकिलर्स के बारे में ज्यादातर लोगों को यही मालूम हैं। लेकिन दर्द दूर करने के लिए ली जाने वाली दवाई भी दर्द की वजह बन रही हैं। इससे लोग अन्जान हैं। विशेष रूप से सिर दर्द में इस्तेमाल होने वाली दवाइयां लंबे समय तक लेने पर सिर दर्द का कारण बन रही हैं। आजकल हैडेक एक सामान्य प्रॉब्लम बन चुका है। हल्का सा हैडैक होने पर लोग पेनकिलर ले रहे हैं। यह पेनकिलर उनकी रुटीन का हिस्सा बन चुकी है। लंबे समय तक रेगुलर ये पेनकिलर सीवियर हैडेक पैदा कर रही है। यह हैडैक बाद में दवाइयां लेने के बाद भी ठीक नहीं हो पा रहा है। जिसके चलते लोगों की लाइफस्टाइल प्रभावित हो रही है। वहीं, न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम भी बढ़ रही है। यहीं नहीं, रुटीन में ली जाने वाली एलर्जी, एसिडिटी, नर्व पेन, ब्लड और शुगर मेडिसीन को ओवरयूज भी नुकसानदायक साबित हो रहा है।

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