राजस्थान में चुनाव से पहले एक बार फिर सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच नई जंग की शुरुआत हो गई है। इस बार भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और गहलोत सरकार से वसुंधरा सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की मांग की है।
राजस्थान में कांग्रेस का घमासान जारी है। मंगलवार का दिन इसलिए अहम होने जा हा है कि सचिन पायलट अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन करने जा रहे हैं। जयपुर में होने वाले इस अनशन के लिए प्रदेशभर से पायलट समर्थक पहुंचने लगे हैं। पार्टी की चेतावनी के बावजूद सचिन पायलट एक दिनी अनशन कर रहे हैं।
कांग्रेस के कुछ नेता इसे अनुशासनहीनता बता रहे हैं, तो कुछ समर्थन में आए हैं। पार्टी प्रवक्ता प्रमोद कृष्णम के साथ ही छत्तीसगढ़ के मंत्री टीएस सिंहदेव ने पूछा है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना गलत कैसे है? वहीं, चुनाव से छह माह पूर्व पायलट के तेवरों से सिरदर्दी बढ़ गई है, लेकिन हाईकमान जोखिम लेने के बजाय गहलोत के पीछे खड़ा हुआ है।
आरएलपी ने किया गठबंधन का न्योता।।
इस बीच, राजस्थान की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) ने सचिन पायलट को गठबंधन का न्योता दिया है। आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने कहा, एक दिन का अनशन करने के बाद सचिन पायलट को कांग्रेस छोड़ देना चाहिए। यदि वो हमारी पार्टी के साथ आते हैं तो हम मिलकर कांग्रेस और भाजपा को भगा सकते हैं।
पायलट के अनशन पर भाजपा की प्रतिक्रिया, देखिए वीडियो
पायलट के अनशन पर राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के नेता राजेंद्र राठौर ने कहा, सचिन पायलट हाईकमान को खुली चुनौती दे रहे हैं। उनका अनशन कांग्रेस सरकार के ताबूत में आखिरी कील साबित होगा। कांग्रेस ने देश भर में अपनी पकड़ खो दी है।
पायलट के साथ अनशन पर नहीं बैठेंगे मंत्री-विधायक
इससे पहले सचिन पायलट ने अनशन की अपनी रणनीति में बदलाव किया। उन्होंने तय किया है कि मंगलवार को अनशन पर वह अपने साथ किसी मंत्री अथवा विधायक को लेकर नहीं बैठेंगे। इस दौरान उनके समर्थक कार्यकर्ता ही मौजूद रहेंगे।
बताते हैं कि पायलट ने रणनीति के तहत ऐसा किया है क्योंकि मंत्रियों और विधायकों के कम संख्या में पहुंचने पर राजनीतिक भ्रम खत्म होने का खतरा है। साथ ही इसे बगावत से जोड़कर भी देखा जाता।
कांग्रेस के लिए हो सकती है मुश्किल।
सचिन पायलट के अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ अनशन को मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी समर्थन दिया है। खबरों के मुताबिक सचिन पायलट कांग्रेस आलाकमान पर चुनाव से पहले नेतृत्व के मुद्दे को हल करने का दबाव बना रहे हैं और अगर पार्टी ऐसा नहीं करती तो शायद पायलट कुछ बड़ा कदम भी उठा सकते हैं। कांग्रेस में पायलट के सब्र का बांध टूट चुका है और वो अब पार्टी में दरकिनार किए जाने के मूड में कतई नहीं है। आज पायलट अपने अनशन में समर्थक मंत्रियों और विधायकों को साथ नहीं रखेंगे। मंत्री और विधायकों को साथ रखने की जगह आम समर्थकों ही पायलट के साथ मौजूद रहेंगे। जाहिर है पायलट का ये वार चुनावी साल में कांग्रेस के लिए घातक साबित हो सकता है।
कई बार हो चुकी है वर्चस्व की जंग।
पायलट के अनशन पर कांग्रेस में दो फाड़ है। कुछ नेता घर की बात घर में रखने की बात कर रहे हैं, तो कुछ नेता सचिन के पक्ष में हैं। अब तक राजस्थान में पायलट और गहलोत के बीच कई बार वर्चस्व को लेकर जंग हो चुकी है और अब तक गहलोत अपनी कुर्सी बचाए रखने में कामयाब रहे हैं, लेकिन अब पायलट का ये दांव कांग्रेस के लिए करो या मरो जैसा है।
सचिन को खुला ऑफर।
आरएलपी सुप्रीमो और सांसद बेनीवाल ने सचिन पायलट को खुला ऑफर दिया है. उन्होंने कहा कि पायलट को आज अनशन के बाद कांग्रेस छोड़ने का ऐलान कर देना चाहिए और नई पार्टी बनानी चाहिए, जिससे हम गठबंधन करेंगे