राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को असम के तेजपुर वायुसेना अड्डे पर सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में उड़ान भरी। यह किसी लड़ाकू विमान की उनकी पहली उड़ान थी। यहाँ राष्ट्रपति मुर्मू अपनी पारंपरिक पोशाक साड़ी की जगह एयरफोर्स पायलट की पोशाक पहने नजर आईं।
असम के दौरे पर है राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू।
आधिकारिक प्रवक्ता के अनुसार, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु छह से आठ अप्रैल तक असम के दौरे पर हैं। आज असम दौरे का राष्ट्रपति मुर्मु का आखिरी दिन है। इससे पहले सात अप्रैल को उन्होंने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में गज उत्सव-2023 का उद्घाटन किया था और और बाद में गुवाहाटी में माउंट कंचनजंगा अभियान-2023 को झंडी दिखाकर रवाना किया। साथ ही राष्ट्रपति मुर्मु ने गुवाहाटी उच्च न्यायालय के 75 साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित समारोह में भी शिरकत की थी।
पहले भी राष्ट्रपति भर चुके है लड़ाकू विमान से उड़ान।
यह पहली दफा नहीं है जब किसी राष्ट्रपति ने लड़ाकू विमान से उड़ान भरी हो। इससे पहले सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, प्रतिभा पाटील और रामनाथ कोविंद इसमें उड़ान भर चुके हैं।
यह है सुखोई की ख़ासियत।
सुखोई को रूस के सैन्य विमान निर्माता कंपनी सुखोई और भारत की हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड के सहयोग से बनाया गया है। सुखोई सुखोई-30 MKI विमान चौथी पीढ़ी का लड़ाकू विमान है। सुखोई 2100 किमी प्रतिघंटे से भी तेज रफ्तार से उड़ सकता है। दरअसल, सुखोई करीब 1 मिनट में 150 राउंड फायर कर सकता है।