आगरा गए हैं और यहां का ताजमहल नहीं देखा तो मतलब आप समझ लीजिए ये ट्रिप आपका अधूरा रह गया। ताजमहल की खूबसूरती ऐसी है कि दुनिया में आपको इस जैसी कॉपी आपको हर जगह मिल जाएगी। प्रेम के प्रतीक के रूप में प्रसिद्ध यह भव्य स्मारक सदियों से यात्रियों को अपनी सुंदरता से दीवाना बना रही है। देश ही नहीं बल्कि विदेशी भी जब भी भारत आते हैं, तो दुनिया के सातवे अजूबे को जरूर देखकर जाते हैं।लेकिन अब ताजमहल पर भी विवाद खड़ा हो गया हैं।
ताजमहल प्यार का प्रतीक नहीं है।
बीजेपी विधायक रूपज्योति कुर्मी ने कहा, “ताजमहल प्यार का प्रतीक नहीं है। शाहजहां ने अपनी चौथी पत्नी मुमताज की याद में ताजमहल बनवाया था। मुमताज से प्यार करते थे तो मुमताज की मौत के बाद तीन बार और शादी क्यों की?” इससे पहले भाजपा विधायक ने मंगलवार को ताजमहल और कुतुब मीनार जैसे स्मारकों को गिराने की बात भी की थी।
शाहजहां ने मुमताज की मौत के बाद तीन शादी क्यों की- बीजेपी विधायक
बीजेपी विधायक रूपज्योति कुर्मी ने कहा, “ताजमहल प्यार का प्रतीक नहीं है। शाहजहां ने अपनी चौथी पत्नी मुमताज की याद में ताजमहल बनवाया था। मुमताज से प्यार करते थे तो मुमताज की मौत के बाद तीन बार और शादी क्यों की?” इससे पहले भाजपा विधायक ने मंगलवार को ताजमहल और कुतुब मीनार जैसे स्मारकों को गिराने की बात भी की थी।
मुगलों को ताजमहल बनवाने के लिए पैसा कहां से मिला- रूपज्योति कुर्मी
बीजेपी नेता रूपज्योति कुर्मी ने कहा, “मुगल के विषय को देश से हटाना है। एक मुगल राजा जहांगीर ने 20 बार शादी की। ताजमहल जिसे प्रेम की निशानी कहा जाता है, जिसे मुमताज महल भी कहा जाता है। इसे शाहजहां ने अपनी चौथी पत्नी के लिए बनवाया। अगर सच में ताजमहल प्रेम की निशानी है, तो मुमताज के गुजरने के बाद शाहजहां ने और तीन शादियां क्यों की। फिर इसमें प्रेम की कोई बात ही नहीं रही।” उन्होंने कहा, “मुगल भारत में 1526 में आए और ताजमहल 1632 में बना। अगर वे लोग वापस नहीं गए तो मुगलों को ताजमहल बनवाने के लिए ये पैसा कहां से मिला? स्वभाविक है कि देश के जो हिंदू राजा थे, हिंदू लोग थे उनसे ही पैसा लूटकर, मारपीट कर, डकैती कर ताजमहल बनवाया है।”
मुगलों को ताजमहल बनवाने के लिए पैसा कहां से मिला- रूपज्योति कुर्मी
बीजेपी नेता रूपज्योति कुर्मी ने कहा, “मुगल के विषय को देश से हटाना है। एक मुगल राजा जहांगीर ने 20 बार शादी की। ताजमहल जिसे प्रेम की निशानी कहा जाता है, जिसे मुमताज महल भी कहा जाता है। इसे शाहजहां ने अपनी चौथी पत्नी के लिए बनवाया। अगर सच में ताजमहल प्रेम की निशानी है, तो मुमताज के गुजरने के बाद शाहजहां ने और तीन शादियां क्यों की। फिर इसमें प्रेम की कोई बात ही नहीं रही।” उन्होंने कहा, “मुगल भारत में 1526 में आए और ताजमहल 1632 में बना। अगर वे लोग वापस नहीं गए तो मुगलों को ताजमहल बनवाने के लिए ये पैसा कहां से मिला? स्वभाविक है कि देश के जो हिंदू राजा थे, हिंदू लोग थे उनसे ही पैसा लूटकर, मारपीट कर, डकैती कर ताजमहल बनवाया है।”
रूपज्योति कुर्मी चार बार विधायक रहे हैं। उन्हें असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के कट्टर आलोचक के तौर पर भी जाना जाता है। उन्होंने 2021 में कांग्रेसछोड़कर बीजेपी ज्वाइन की थी।
ताजमहल है हमारी विरासत
संघ प्रचारक बालमुकुंद ने कहा कि कलात्मक दृष्टि से ताजमहल हमारे देश का गौरव है। दुनिया भर के लोग इसे देखने आते हैं। हजारों भारतीय कलाकारों की कला का इसमें प्रदर्शन है और इसमें भारत के संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है। इसलिए ताजमहल बहुत सम्मान की जगह है और इसका संरक्षण होना चाहिए। यह हमारी विरासत है और अगर कोई इसे विरासत नहीं मानता है तो वह गलत है। यह टूरिजम की दृष्टि से काफी अहम है इसलिए हमें इस पर गर्व है। हालांकि कला का प्रतीक होने के बावजूद ताजमहल प्यार का प्रतीक नहीं है।