रिपोर्ट से ये पता चला है की फ्रांस की फाइटर जेट बनाने वाली कंपनी डैसो ने राफेल का न्यू वर्जन लोॅन्च कर दिया है. टैस्टिंग के बाद से बीतें महीनें में इस अपडेट वर्जन को फ्रांसीसी वायुसेना में शामिल कर लिया गया है. इस फाइटर जेट काप नाम राफेल एफ 4.1 बताया जा रहा है. आपको बतादें की फिनलैंड अब नाटों में शामिल होने जा रहा है. जिसके चलते रूस और फिनलैंड में तनाव बना हुआ है. ऐसा इसलिए है क्योंकि रूस से फिनलैंड की सीमा सटी हुई है. आपको बतादें की इस न्यू जैट के शामिल होने से फ्रांसीसी वायुसेना की ताकत काफी हद तक ब चुकी है. फाइटर जेट्स की सबसे बड़ी फ्लीट सुखोई सू.27 रूस के पास है जिसमे उनके पास ऐसे 359 फाइटर जेट है. वहीं अब फ्रांस की वायुसेना में राफेल एफ 4.1.के शामिल होने से क्या रूस में डर बन गया है.
रिपोर्ट के मुताबिक रूस का सुखोई सू-27 करीबन 37 पुराना जेट है. जिसमें 10 हार्ड प्वाइंटस बताए जा रहे है. आपको बतादें की रूस के इस जेट में 3 तरह के राॅकेट लगाए जा सकते है. 3 ही तरह के बम और साथ ही दो तरह की मिसाइलें होती है. इतना ही नही इस फाइटर जेट में 150 राउंड हर मिनट गोलियां दागने वाली गन भी मौजुद है. इस जेट को केवल एक ही पायलट उड़ाता है. ये एक ऐसा फाइटर जेट है जो 4430 किलोग्राम का वजन उठा सकता है. 62 हजार फीट की ऊंचाई तक इस फाइटर जेट को उड़ाया जा सकता है.
राफेल एफ 4.1 की खास बातें
राफेल एफ 4.1 में अपडेट रडार सिस्टम मौजुद है. इसके साथ ही इसमें हेलमेट माउंटेड डिस्प्ले भी कदया गया है. इंफ्रारेड सर्च एंड ट्रैक सिस्टम लगे होने के कारण इस जेट से दुश्मनो का बचना लगभग नामुमकिन है. आपको बतादें की इसे जमीन और आसमान दोनों में ही करियर में इस्तेमाल किया जा सकता है. इसे एक या दो पायलट की मदद से उड़ाया जा सकता है.