हनुमान जयंती 6 अप्रैल 2203 को मनाई जाएगी। इस दिन चैत्र पूर्णिमा है। हनुमान जी रुद्रावतार हैं. उनकी पूजा करने से भगवान शिव और प्रभु राम दोनों ही प्रसन्न होते हैं. हनुमान जी का जन्म भगवान राम की सेवा करने के लिए हुआ और उन्होंने श्रीराम नाम की महिमा से पूरे संसार को अवगत कराया. हनुमान जयंती के अवसर पर वीर बजरंगबली की पूजा की जाती है. उनको प्रसन्न करने के लिए प्रिय भोग, फूल या अन्य सामग्री अर्पित करते हैं. हनुमान जी के आशीर्वाद से बल, बुद्धि, विद्या आदि की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यता है कि हनुमान जयंती के शुभ अवसर पर अगर विधि विधान से मारुति नंदन की पूजा की जाए तो स्वंय हनुमान साधक की हर संकट में रक्षा करते हैं।
हनुमान जंयती पूजा विधि
हनुमान जी हर बुरी शक्ति का नाश कर हर काम में आगे बढ़ने में मदद करने वाले हैं. ऐसे में हनुमान जयंती पर स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें. लाल वस्त्र पहनें और फिर बजरंगबली को सिंदूर का चोला चढ़ाएं. सरसों के तेल का दीपक लगाकर ॐ मारुतात्मजाय नमः मंत्र का 108 बार जाप करें. बजरंगबली को गुड़-चने का भोग लगाएं और फिर घर या मंदिर में 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें. कहते हैं इस दिन घर में सुंदरकांड करना चाहिए. इससे हनुमान जी का घर में वास होता है. जीवन की हर समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
आवश्यक सामग्री
सिंदूर, लाल फुल, लाल फुल की माला, जनेऊ, कलश, चमेली का तेल, लाल कपड़ा या लाल लंगोट, गंगाजल, कंकु, जल कलश, इत्र, सरसों तेल, घी, धुप-अगरबती, दीप, कपूर, तुलसी पत्र, पंचामृत, नारियल, पिला फूल, चन्दन, लाल चन्दन, फल, केला, बेसन का लड्डू, लाल पेड़ा, मोतीचूर का लड्डू, चना और गुड़, पान।
शुभ मुहूर्त।
चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि 05 अप्रैल 2023 बुधवार को प्रातः 09:19 बजे से शुरू होगी. पूर्णिमा तिथि का समापन 06 अप्रैल 2023 गुरुवार, प्रातः 10:04 बजे होगा. उदयातिथि के अनुसार हनुमान जयंती 6 अप्रैल 2023 को है. इस दिन कई लोग हनुमान जी के निमित्त व्रत भी रखते हैं.
ऐसे करे मंगल का दोष दूर।
मांगलिक दोष दूर करने के लिए हनुमान जयंती के दिन पास के हनुमान मंदिर में जाकर बजरंगबली को लाल सिंदूर और केसरिया चोला अर्पित करें। साथ ही चमेली के तेल के दीपक से सुबह-शाम हनुमानजी की आरती उतारें। ऐसा करने से कुंडली में मंगल दोष का प्रभाव कम होता है और हनुमानजी की कृपा भी बनी रहती है।