Mukhyamantri Sukh Shiksha Yojana
Mukhyamantri Sukh Shiksha हिमाचल सरकार के द्वारा चलाई जा रही योजना है जिसे मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना कहते हैं, सरकार के द्वारा इस योजना की शुरुआत प्रदेश में रहने वाली विधवा एवं बेसहारा तलाकशुदा महिलाओं और दिव्यांग माता-पिता जिनके बच्चों की शिक्षा और कल्याण के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए की गई है , इस योजना में आवेदन करने के लिए आप इसके आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं .
Mukhyamantri Sukh Shiksha Yojana हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सिक्खू के द्वारा शुरू की गई है इस योजना का प्रमुख उद्देश्य वित्तीय सहायता प्रदान कर बच्चों की शिक्षा और कल्याण तथा विधवा बेसहारा तथा तलाकशुदा महिलाओं और दिव्यांग माता-पिता के बच्चों की शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है इस योजना के लिए सालाना सरकार की ओर से 53.5 करोड रुपए की राशि दी जाती है .
योजना क्या है
Mukhyamantri Sukh Shiksha Yojana उन लोगों के लिए शुरू की गई है जो विधवा और बेसहारा महिलाएं हैं जो अपने बच्चों का पालन पोषण करने में असमर्थ है ,इसके अतिरिक्त वे दिव्यांग जिन्हें अपने बच्चों को उच्च शिक्षा देने में असमर्थता महसूस होती है उनके बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार के द्वारा शुरू की गई है एक ऐसी पहल है जिसमें ₹1000 की वित्तीय सहायता दी जाती है ताकि बच्चों को पढ़ने लिखने तथा उनकी जरूरत को पूरा किया जा सके।
योजना का उद्देश्य
Mukhyamantri Sukh Shiksha Yojana का प्रमुख उद्देश्य पारिवारिक स्तर पर बाल संरक्षण को सुविधा प्रदान करना है तथा बाल शोषण ,बाल विवाह ,तस्करी और मादक पदार्थों के उपयोग पर रोक लगाना है ,इसके अंतर्गत बेरोजगारी विकलांगता गरीबी और विकलांग माता-पिता के बच्चों को इसका फायदा मिलेगा जो अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दे पा रहे।
इसके अतिरिक्त उन महिलाओं को भी इसका फायदा मिलेगा जो विधवा है और निराश्रित है और जिनके पास वित्तीय संसाधनों की कमी है वह भी इस योजना का लाभ उठाकर अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे सकते हैं .
बाल संरक्षण के लिए शुरू की गई है योजना
Mukhyamantri Sukh Shiksha Yojana शैक्षणिक और वित्तीय संसाधनों की कमी के कारण वे लोग जो अपने बचो को अच्छी शिक्षा नहीं दे पाते हैं उनके लिए यह योजना है जिसमे निराश्रित महिलाओं के बच्चों के पालन पोषण करने के लिए वित्तीय सहायता के रूप में 1000 रूपए दिए जाते हैं ,इसमें आर्थिक रूप से संपन्न ना होने के कारण इन महिलाओं के बच्चों के शैक्षणिक और पालन पोषण सही ढंग से नहीं हो पाता है ऐसे में वह महिलाएं और वे दिव्यांग जो आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है .