भारतीय स्टील कंपनियों के लिए राहत भरी खबर आ सकती है, क्योंकि सरकार चीन से हो रही स्टील डंपिंग पर अंकुश लगाने की योजना बना रही है. चीन, जो विश्व का सबसे बड़ा स्टील उत्पादक है, वहां 2020 से मांग में कमी चल रही है. इस संकट ने चीन को सस्ते दामों पर भारत सहित अन्य देशों में स्टील निर्यात करने के लिए मजबूर कर दिया है. इसके चलते भारतीय स्टील उद्योग पर गंभीर असर पड़ा है और कंपनियों के मुनाफे पर दबाव बना हुआ है.
चीन से सस्ते स्टील की डंपिंग
चीन में प्रॉपर्टी सेक्टर में संकट के कारण स्टील की मांग लगातार कमजोर बनी हुई है. इस स्थिति का लाभ उठाते हुए चीन ने सस्ते दामों पर अपने स्टील का निर्यात बढ़ा दिया है. भारत में इस सस्ते स्टील की भरमार के चलते भारतीय स्टील कंपनियों को अपनी कीमतें कम करने पर मजबूर होना पड़ा है, जिससे उनके मुनाफे में गिरावट आई है.
सरकार की योजना
भारतीय स्टील उद्योग को इस चुनौती से उबारने के लिए सरकार आवश्यक कदम उठाने की तैयारी कर रही है. केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने संकेत दिए हैं कि चीन से हो रही स्टील डंपिंग को रोकने के लिए सरकार इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने पर विचार कर रही है. फिलहाल, चीन से आयातित स्टील पर 7.5% शुल्क लगता है, जिसे बढ़ाकर 10-12% करने का प्रस्ताव है.
सरकार का रुख
सरकार घरेलू स्टील उद्योग को समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है. प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) और वित्त मंत्रालय के साथ मिलकर इस समस्या का समाधान निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं. स्टील पर आयात शुल्क बढ़ाने से चीन से आने वाले सस्ते स्टील की डंपिंग पर रोक लग सकेगी, जिससे भारतीय स्टील कंपनियों को प्रतिस्पर्धी बनने का मौका मिलेगा.
स्टील कंपनियों के शेयरों में सुस्ती
चीन से हो रही सस्ते स्टील की डंपिंग के कारण भारतीय स्टील कंपनियों के शेयरों में भी लंबे समय से सुस्ती बनी हुई है. हालांकि, अगर सरकार इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने का फैसला करती है, तो इससे भारतीय कंपनियों को राहत मिल सकती है और उनके शेयरों में तेजी देखने को मिल सकती है.
निष्कर्ष
भारतीय स्टील उद्योग फिलहाल चुनौतियों का सामना कर रहा है, लेकिन सरकार के संभावित कदमों से इसे राहत मिलने की उम्मीद है. अगर आयात शुल्क में वृद्धि होती है, तो इससे घरेलू स्टील कंपनियों को फायदा होगा और बाजार में उनके शेयरों में भी सुधार की संभावना है.