राहुल गांधी की सदस्यता जाने के मुद्दे पर कांग्रेस आक्रामक तेवरों में है. खबर आते ही कांग्रेस के कार्यकर्ता कई जगह सड़कों पर उतर आए. आज भी ये आक्रामक तेवर नजर आ सकते हैं. राहुल गांधी की सदस्यता जाने के मुद्दे पर कांग्रेस आक्रामक तेवरों में है. आज भी ये आक्रामक तेवर नजर आ सकते हैं.
कांग्रेस रविवार को राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन कर रही
राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द किए जाने के खिलाफ कांग्रेस रविवार को राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन कर रही है। पार्टी कार्यकर्ता सभी जिला मुख्यालयों में एक दिन का सत्याग्रह कर रहे हैं। इस बीच, खबर है कि दिल्ली पुलिस ने राजघाट पर प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी है। इसके बावजूद कांग्रेस नेता जुट रहे हैं।
पार्टी के बड़े नेता और कार्यकर्ता सुबह 10 बजे से सभी राज्यों में जिला और ब्लॉक स्तर पर महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और महासचिव प्रियंका गांधी दिल्ली स्थित राजघाट पर सत्याग्रह में मौजूद हैं।
शाम 5 बजे तक धारा 144 लागू
दिल्ली पुलिस का कहना है कि क्षेत्र में धारा 144 लागू है और कानून व्यवस्था के साथ ही ट्रैफिक को देखते हुए प्रदर्शन की अनुमति नही दी गई है। इस बीच, कांग्रेस नेता राजघाट पहुंचने लगे हैं।
disqualified MP।।
राहुल गांधी ने संसद सदस्यता रद्द होने के बाद अपना ट्विटर अकाउंट बायो अपडेट कर लिया। उन्होंने खुद को डिस्क्वालिफाई एमपी लिखा।
वायनाड में राहुल को मिली थी दमदार जीत
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में केरल के वायनाड सीट पर राहुल गांधी ने चार लाख से अधिक वोटों से जीत दर्ज की थी. उन्होंने सीपीआई कैंडिडेट पीपी सुनीर को 4.31 लाख वोटों के अंतर से हराया था. राहुल गांधी को 7,05,034 वोट मिले थे. वहीं सीपीआई प्रत्याशी को महज 2,73,971 वोट मिले थे. एनडीए उम्मीदवार तुषार वेल्लापेली तीसरे पायदान पर रहे थे और उन्हें 78 हजार वोट मिले थे.
उपचुनाव कब होता है?
किसी भी विधानसभा या लोकसभा सीट पर उपचुनाव तभी कराया जाता है जब उस सीट पर किसी प्रत्याशी का प्रतिनिधित्व नहीं रहता है. अधिकतर मामलों में विधायकों या सांसदों के निधन के बाद चुनाव आयोग उस सीट पर उपचुनाव कराता है. हालांकि यदि विधायक/सांसद की विधायकी/सांसदी चली जाती है तो भी उस सीट पर चुनाव होता है. जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 के सेक्शन-151 (A) मुताबिक, कोई भी सीट (लोकसभा या विधानसभा) खाली होने पर छह महींने के भीतर चुनाव कराना जरूरी है. यह तारीख उस दिन से लागू होती है, जिस तिथि से वह सीट खाली हुई है.
ऐसे में लोकसभा सचिवालय के फैसले के बाद यदि राहुल गांधी को अदालत से राहत नहीं मिलती है तो राहुल गांधी की वायनाड सीट पर फिर से चुनाव की तस्वीर बन रही है. वहां छह महीने के भीतर फिर चुनाव होंगे.
राहुल की सीट से चुनाव लड़ सकती प्रियंका गांधी।।
लेकिन कांग्रेस पार्टी में और देश भर में चर्चा का विषय बना हुआ है कि अब राहुल गांधी की सदस्यता खत्म होने के बाद वहां से चुनाव कांग्रेस की तरफ से कौन प्रत्याशी लड़ेगा ।तो एक तरफ बात यह भी सामने आई है कि प्रियंका गांधी ने इस पर एक बड़ा बयान दिया है कि अगर राहुल गांधी कहेंगे तो मैं एक बार फिर राहुल गांधी की सीट से चुनाव लडूंगी।।
प्रियंका गांधी ने कहा, “यह सरकार अडानी पर जवाब नहीं देना चाहती. राहुल जी लड़ेंगे हम सब लड़ेंगे, हमारी रगों में शहीदी का खून. आज जो हुआ लोकतंत्र के लिए नुकसान दायक है. बीजेपी के प्रवक्ता हो या मंत्री सुबह से शाम तक मेरे परिवार की आलोचना करते रहते है. यह सिलसिला पुराना है. उनके खिलाफ किसी कोर्ट ने फैसला नहीं सुनाया. जिस खून को आप बार-बार परिवारवादी कहते हैं ये खून इस देश के लिए बहा है. हम पीछे हटने वाले नहीं है, हम लड़ेंगे. हमारे शरीर में शहीदों का खून है.”