अनिल अंबानी की रिलायंस पावर के शेयरों में लगातार छठे दिन अपर सर्किट, जानें वजह

Reliance AGM

रिलायंस पावर के शेयरों में तेजी

अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस पावर के शेयर लगातार छठे दिन अपर सर्किट में बने हुए हैं. 26 सितंबर 2024 (गुरुवार) को कंपनी के शेयर 5% की तेजी के साथ 44.15 रुपये प्रति शेयर के स्तर पर पहुंच गए. निवेशकों के बीच यह स्टॉक चर्चा का विषय बना हुआ है क्योंकि कई निवेशक इसे खरीदना चाहते हैं, लेकिन मौजूदा शेयरधारक इन्हें बेचने को तैयार नहीं हैं. इस स्थिति में जब शेयरों की बिक्री नहीं हो रही और खरीदारों की मांग बनी रहती है, तो इसे अपर सर्किट कहा जाता है.

Mukesh Ambani

तेजी की वजह क्या है?

रिलायंस पावर के शेयरों में हो रही इस तेजी की मुख्य वजह 23 सितंबर 2024 को हुई बोर्ड मीटिंग है. इस बैठक में कंपनी ने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार से फंड जुटाने की योजना पर विचार किया. हाल ही में अनिल अंबानी की कुछ कंपनियों ने अपने कर्ज में कमी की है, जिसका सकारात्मक प्रभाव कंपनी के शेयरों पर पड़ा है. इसके अलावा, रिलायंस पावर के साथ रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के शेयरों में भी तेजी देखी गई है.

शेयर परफॉर्मेंस

अगर रिलायंस पावर के शेयर परफॉर्मेंस की बात करें तो कंपनी ने पिछले एक साल में 132.37% का शानदार रिटर्न दिया है. वहीं, मार्च 2024 से अब तक कंपनी के शेयरों में 59.96% की बढ़ोतरी हुई है. पिछले 5 सत्रों में यानी 20 सितंबर 2024 से अब तक, कंपनी के शेयर ने 21.49% का रिटर्न दिया है. यह संकेत देता है कि रिलायंस पावर के शेयरों का प्रदर्शन इस अवधि में बेहद सकारात्मक रहा है.

सीजीएचएस (CGHS) के नए नियमों में बदलाव

इस बीच, केंद्रीय सरकारी स्वास्थ्य योजना (CGHS) के नए नियमों के अनुसार, इमरजेंसी में अब हेल्थकेयर ऑर्गनाइजेशन (HCOs) को CGHS से रेफरल या एंडोर्समेंट लेने की आवश्यकता नहीं होगी. इसका मतलब है कि मरीज अब कैशलेस इलाज का फायदा ले सकते हैं. इमरजेंसी के दौरान इलाज कराने पर, अगर कोई जांच या उपचार CGHS सूची में नहीं है, तो अस्पताल NHA पोर्टल से अनुमति ले सकता है.

नए नियमों के तहत कंसल्टेशन मेमो अब तीन महीने तक वैध रहेंगे और 70 वर्ष या उससे अधिक आयु के लाभार्थियों को विशेषज्ञ से कंसल्टेशन के लिए रेफरल की आवश्यकता नहीं होगी. इससे वरिष्ठ नागरिकों को बड़ी राहत मिलेगी.

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निष्कर्ष

रिलायंस पावर के शेयरों में हो रही तेजी के पीछे कंपनी की फंड जुटाने की योजना और कर्ज में आई कमी अहम भूमिका निभा रहे हैं. वहीं, CGHS के नए नियमों से सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाने वालों को बड़ी सहूलियत मिलेगी, खासकर इमरजेंसी स्थितियों में.

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