विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजार में जोरदार निवेश, FPI इनफ्लो में तेजी

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फेड दर कटौती के बाद निवेश बढ़ा

अमेरिकी केंद्रीय बैंक (फेड) द्वारा 18 सितंबर 2024 को ब्याज दर में 0.50% की कटौती के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) का भारतीय शेयर बाजार में निवेश तेजी से बढ़ा है. यह दर कटौती चार साल बाद की गई है और इसका सकारात्मक असर भारतीय बाजार पर देखने को मिला है. 20 सितंबर 2024 तक, विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार में 33,691 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जो इस साल का दूसरा सबसे बड़ा निवेश आंकड़ा है.

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मार्च 2024 के बाद दूसरा सबसे बड़ा निवेश

इससे पहले मार्च 2024 में एफपीआई ने 35,100 करोड़ रुपये का निवेश किया था, जो इस साल का सबसे बड़ा निवेश रहा. सितंबर में यह दूसरी बार है जब एफपीआई ने इतना बड़ा निवेश किया है. बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती और भारतीय बाजार की स्थिरता ने विदेशी निवेशकों को आकर्षित किया है. साथ ही, भारतीय शेयर बाजार में आ रहे कई प्रमुख आईपीओ (Initial Public Offerings) ने भी निवेशकों की रुचि को बढ़ाया है.

डेट मार्केट में भी जारी है निवेश

विदेशी निवेशकों ने न केवल इक्विटी में बल्कि डेट मार्केट में भी भारी निवेश किया है. एफपीआई ने Voluntary Retention Route (VRR) के माध्यम से 7,361 करोड़ रुपये और Fully Accessible Route (FAR) के माध्यम से 19,601 करोड़ रुपये का निवेश किया है. यह दर्शाता है कि विदेशी निवेशक भारतीय बाजार के विभिन्न क्षेत्रों में अवसर देख रहे हैं और दोनों ही मार्केट सेगमेंट्स में सक्रिय बने हुए हैं.

महंगाई में कमी और राजकोषीय घाटा संतुलित

बीडीओ इंडिया के एफएस टैक्स विशेषज्ञ, मनोज पुरोहित ने बताया कि भारत में महंगाई दर में कमी और राजकोषीय घाटा संतुलित होने के कारण विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ा है. इसके साथ ही, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की आगामी मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में ब्याज दरों पर निर्णय पर भी सभी की नजरें टिकी हैं. अगर अक्टूबर की बैठक में आरबीआई रेपो रेट में कटौती करता है, तो यह फेड के फैसले के साथ तालमेल बनाएगा. यदि दर में बदलाव नहीं होता, तो आरबीआई दिसंबर तक इस पर फैसला कर सकता है.

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निष्कर्ष

फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती और भारतीय बाजार में स्थिरता ने विदेशी निवेशकों को आकर्षित किया है. एफपीआई इनफ्लो में यह वृद्धि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है, जिससे बाजार में नई संभावनाओं का द्वार खुला है.

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