वित्त वर्ष 2023-24 में 2.01 लाख करोड़ की जीएसटी चोरी का पर्दाफाश

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वित्त वर्ष 2023-24 में वस्तु एवं सेवा कर (GST) चोरी के मामले तेजी से बढ़े हैं. सरकार के महानिदेशालय (डीजीजीआई) की रिपोर्ट के अनुसार, इस अवधि में 6,084 मामलों में लगभग 2.01 लाख करोड़ रुपये की कर चोरी का खुलासा हुआ है. यह आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष 2022-23 की तुलना में दोगुना है, जब 4,872 मामलों में 1.01 लाख करोड़ रुपये की चोरी पकड़ी गई थी.

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किन क्षेत्रों में पकड़ी गई सबसे अधिक चोरी?

जांच के दौरान कई उद्योग क्षेत्रों में जीएसटी चोरी के बड़े मामले सामने आए. इनमें सबसे प्रमुख ऑनलाइन गेमिंग, बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं और बीमा (बीएफएसआई), लोहा, तांबा, स्क्रैप और मिश्र धातु के कारोबार रहे हैं.

ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र में भारी चोरी

रिपोर्ट के मुताबिक, ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर में सबसे बड़ी चोरी पकड़ी गई. 2023-24 के दौरान इस क्षेत्र में 78 मामलों में लगभग 81,875 करोड़ रुपये की कर चोरी पाई गई. यह न केवल जीएसटी चोरी के मामलों में सबसे बड़ा आंकड़ा है, बल्कि यह उद्योग की गहराई में छिपी कर चोरी की समस्या को भी उजागर करता है.

अन्य प्रमुख क्षेत्र

ऑनलाइन गेमिंग के बाद, बीएफएसआई क्षेत्र में कर चोरी के 171 मामले सामने आए, जिनमें लगभग 18,961 करोड़ रुपये की कर चोरी पकड़ी गई. इसके साथ ही, लोहा, तांबा, स्क्रैप और मिश्र धातु उद्योग में 1,976 मामले दर्ज किए गए, जिनमें कुल 16,806 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी पाई गई. इसके अलावा, पान मसाला, तंबाकू, सिगरेट और बीड़ी उद्योग में भी 212 मामलों में 5,794 करोड़ रुपये की चोरी का खुलासा हुआ है.

स्वैच्छिक कर भुगतान में वृद्धि

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि वित्त वर्ष 2023-24 में 26,605 करोड़ रुपये के स्वैच्छिक कर भुगतान हुए, जो पिछले वर्ष 2022-23 के 20,713 करोड़ रुपये से अधिक है. यह संकेत देता है कि सरकार के प्रयासों के चलते कुछ व्यवसायों ने स्वेच्छा से अपने कर दायित्वों का निपटारा किया है.

कर चोरी के कारण

डीजीजीआई की रिपोर्ट में कर चोरी के विभिन्न कारणों का भी विश्लेषण किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, कुल 46 प्रतिशत मामले कर का भुगतान न करने से संबंधित हैं. इसके अलावा, 20 प्रतिशत मामले फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) से जुड़े हैं, जबकि 19 प्रतिशत मामले गलत तरीके से आईटीसी का लाभ उठाने से संबंधित हैं. यह दर्शाता है कि कर चोरी के विभिन्न रूपों के पीछे करदाताओं की लापरवाही या जानबूझकर किए गए प्रयास मुख्य कारण हैं.

सरकार की कड़ी कार्रवाई

जीएसटी चोरी के इन बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं। डीजीजीआई और अन्य एजेंसियों ने इस वित्त वर्ष में कर चोरी के खिलाफ अभियान चलाया और कई मामलों में जांच शुरू की. इसके साथ ही, कर चोरी करने वाले कारोबारों पर भारी जुर्माने भी लगाए जा रहे हैं.

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निष्कर्ष

वित्त वर्ष 2023-24 में जीएसटी चोरी के मामलों में भारी वृद्धि ने सरकार के राजस्व पर नकारात्मक प्रभाव डाला है. खासकर ऑनलाइन गेमिंग, बीएफएसआई और धातु उद्योगों में कर चोरी के बढ़ते मामले चिंताजनक हैं. हालांकि, स्वैच्छिक कर भुगतान में वृद्धि सरकार के प्रयासों की सफलता का संकेत है, लेकिन कर चोरी पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के लिए और अधिक सख्त कदमों की आवश्यकता है.

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