सेंसेक्स ने छुआ 83,000 का स्तर
13 सितंबर 2024 को भारतीय शेयर बाजार में जोरदार तेजी देखने को मिली. बीएसई सेंसेक्स ने दिन के कारोबार के दौरान पहली बार 83,000 के स्तर को पार किया. इसका समापन भी एक नए रिकॉर्ड के साथ हुआ, जिससे निवेशकों की संपत्ति में भारी वृद्धि दर्ज की गई. एनएसई निफ्टी भी अपने अब तक के उच्चतम स्तर पर बंद हुआ.
सेंसेक्स और निफ्टी का प्रदर्शन
बीएसई सेंसेक्स दिन के अंत में 1,439.55 अंक यानी 1.77 प्रतिशत की बढ़त के साथ 82,962.71 पर बंद हुआ. इससे पहले, कारोबार के दौरान यह 1,593.03 अंक यानी 1.95 प्रतिशत उछलकर 83,116.19 तक पहुंच गया था. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 470.45 अंक यानी 1.89 प्रतिशत के उछाल के साथ रिकॉर्ड 25,388.90 पर बंद हुआ.
वर्ष 2024 के उच्चतम स्तर पर शेयर बाजार
गुरुवार के दिन शेयर बाजार में सभी क्षेत्रों की प्रमुख कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त लिवाली देखने को मिली. हालांकि, दिन के अधिकांश समय कारोबार में हल्की गतिविधि रही. कारोबार के अंतिम एक-दो घंटों में सभी प्रमुख कंपनियों के शेयरों में तेजी आई, जिससे बाजार ने नए रिकॉर्ड को छू लिया.
विश्लेषकों की राय
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अजित मिश्रा के अनुसार, सेंसेक्स और निफ्टी की बढ़त के पीछे वैश्विक बाजारों में तेजी और विदेशी पूंजी प्रवाह का योगदान है. एशिया के अन्य बाजारों जैसे दक्षिण कोरिया का कास्पी, जापान का निक्की और हांगकांग का हैंगसेंग भी अच्छी बढ़त में रहे. हालांकि, चीन का शंघाई कंपोजिट मामूली नुकसान में रहा. यूरोप के प्रमुख बाजारों में भी तेजी रही.
शेयर बाजार की स्थिति
सेंसेक्स की 30 कंपनियों में भारती एयरटेल, एनटीपीसी, जेएसडब्ल्यू स्टील, महिंद्रा एंड महिंद्रा, अदाणी पोर्ट्स, टेक महिंद्रा, लार्सन एंड टुब्रो, टाटा स्टील, भारतीय स्टेट बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक सबसे अधिक लाभ में रही. जबकि नेस्ले एकमात्र कंपनी थी जिसमें गिरावट देखी गई.
शेयरों की स्थिति
शेयर बाजार में 2,335 शेयरों में तेजी रही, वहीं 1,612 शेयर गिरकर बंद हुए. 122 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ. 278 शेयरों ने अपने 52 सप्ताह के उच्चस्तर को छुआ, जबकि 36 शेयरों ने 52 सप्ताह के न्यूनतम स्तर को टच किया.
आर्थिक संकेतक और फेडरल रिजर्व
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजय कुमार ने कहा कि अमेरिका में मुद्रास्फीति के आंकड़े सकारात्मक रहे हैं. अगस्त में मुद्रास्फीति की वृद्धि की रफ्तार धीमी होकर 2.5 प्रतिशत रही, जो इससे पहले 2.9 प्रतिशत थी. इससे फेडरल रिजर्व के सितंबर में मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में कटौती की संभावना बढ़ गई है. हालांकि, कोर मुद्रास्फीति 3.2 प्रतिशत पर बनी हुई है, जिससे फेडरल रिजर्व सतर्क रह सकता है और 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है.
निष्कर्ष
आज का दिन भारतीय शेयर बाजार के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ. सेंसेक्स और निफ्टी ने नए रिकॉर्ड स्थापित किए हैं, जो निवेशकों के लिए अच्छी खबर है. वैश्विक बाजारों में तेजी और विदेशी पूंजी प्रवाह से बाजार को बल मिला है, और निवेशकों की संपत्ति में बड़ी वृद्धि देखी गई है.