Old Car Purchase
आजकल नई कार खरीदना हर किसी के बस की बात नहीं है. ऐसे में सेकंड हैंड कार एक अच्छा विकल्प साबित हो सकती है. सेकंड हैंड कार खरीदने के कई फायदे हैं, लेकिन इसके साथ ही कुछ नुकसान भी हो सकते हैं. इस लेख में हम सेकंड हैंड कार खरीदने के नफा-नुकसान पर चर्चा करेंगे और जानेंगे कि पुरानी गाड़ी लेना कितना सही है.

सेकंड हैंड कार खरीदने के फायदे
किफायती कीमत
सेकंड हैंड कार की सबसे बड़ी खासियत है इसकी किफायती कीमत। नई कार के मुकाबले पुरानी कार की कीमत काफी कम होती है. इससे आपके बजट में अच्छी कार मिल सकती है.
कम डिप्रिशिएशन
नई कार की कीमत खरीदने के बाद ही कम होने लगती है, जिसे डिप्रिशिएशन कहते हैं. सेकंड हैंड कार खरीदने पर यह नुकसान कम हो जाता है, क्योंकि इसकी कीमत पहले ही काफी कम हो चुकी होती है.
लो इन्सुरेंस प्रीमियम
पुरानी कार का इन्सुरेंस प्रीमियम नई कार के मुकाबले कम होता है. इससे आपको इन्सुरेंस में भी बचत होती है.
वेराइटी और अवेलेबिलिटी
मार्केट में सेकंड हैंड कार की वेराइटी बहुत होती है. आप अपनी पसंद और जरूरत के अनुसार कई मॉडल्स और ब्रांड्स में से चुन सकते हैं.

सेकंड हैंड कार खरीदने के नुकसान
मेन्टेनेंस और रिपेयर
पुरानी कारों में मेंटेनेंस और रिपेयर की जरूरत अधिक होती है. इससे आपको समय-समय पर खर्चा करना पड़ सकता है.
वारंटी और सर्विस
सेकंड हैंड कारों पर नई कार की तरह वारंटी नहीं मिलती. इसके अलावा, सर्विस का भी कोई निश्चित पैटर्न नहीं होता.
तकनीकी अपग्रेड्स की कमी
नई कारों में लेटेस्ट तकनीकी फीचर्स होते हैं, जो पुरानी कारों में नहीं मिलते. इससे आपको कुछ एडवांस फीचर्स की कमी महसूस हो सकती है.
डाउटफुल हिस्ट्री
पुरानी कार की हिस्ट्री का पता लगाना मुश्किल हो सकता है. कई बार दुर्घटनाग्रस्त कार या हाई माइलेज वाली कार मिल सकती है, जिसका पता बाद में चलता है.