चीन, जो स्टील बाजार का सबसे बड़ा खिलाड़ी है, पिछले कुछ वर्षों से वैश्विक बाजार में सस्ते स्टील की आपूर्ति कर रहा है. 2020 से चीन में स्टील की मांग कमजोर पड़ गई है और हाल ही में बढ़ते प्रॉपर्टी संकट ने स्थिति को और खराब कर दिया है. इस कारण स्टील की कीमतें कई सालों के निचले स्तर पर पहुंच गई हैं. इन परिस्थितियों में, चीन ने अपनी स्टील को सस्ते भाव में भारत जैसे देशों में डंप करना शुरू कर दिया है. इस समस्या से निपटने के लिए भारत की वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने प्रभावी कदम उठाने की योजना बनाई है.
वाणिज्य मंत्री की पहल
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को स्टील उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की और ‘अनुचित’ प्रतिस्पर्धा के मुद्दे पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य इस्पात उद्योग को उस अनुचित प्रतिस्पर्धा से बचाना है जिसका सामना कुछ कंपनियों को करना पड़ रहा है. गोयल ने यह भी बताया कि उन्होंने इस्पात उद्योग को सलाह दी है कि वे उचित कदम उठाएं ताकि भारतीय स्टील उद्योग जीवंत रहे, बढ़े और भारतीय अर्थव्यवस्था में रोजगार के अवसर पैदा हो सकें.
गोयल ने 5 सितंबर को बढ़ते आयात के खिलाफ सीमा समायोजन लागू करने का विचार प्रस्तुत किया. इसका उद्देश्य घरेलू उद्योग को समान अवसर प्रदान करके उसकी रक्षा करना है. इससे चीन की सस्ते स्टील की डंपिंग पर नियंत्रण पाने में मदद मिलेगी और भारतीय स्टील निर्माता भी इससे लाभान्वित होंगे.
चीन की स्टील डंपिंग की वजहें
चीन, जो वैश्विक स्टील बाजार का सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ी है, पिछले कुछ वर्षों से गंभीर संकट का सामना कर रहा है. 2020 से स्टील की मांग में लगातार कमी आई है, और हाल ही में बढ़ते प्रॉपर्टी संकट ने स्थिति को और खराब कर दिया है. इस संकट के कारण स्टील की कीमतें कई सालों के निचले स्तर पर पहुंच गई हैं, जिससे चीन की बड़ी स्टील कंपनियों को सस्ते दाम पर स्टील बेचने की मजबूरी हुई है.
चीन की बड़ी स्टील कंपनियों का मानना है कि वहां स्टील की डिमांड लंबे वक्त तक कमजोर बनी रहने वाली है. इसके चलते, चीन ने भारत जैसे देशों में स्टील को सस्ते दामों पर डंप करना शुरू कर दिया है. इससे भारत के स्टील निर्माताओं को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है और उनका व्यवसाय प्रभावित हो रहा है.
भविष्य की दिशा और रणनीतियाँ
भारत ने चीन की स्टील डंपिंग पर लगाम लगाने के लिए कई रणनीतिक कदम उठाए हैं. वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की पहल के तहत, भारतीय सरकार घरेलू स्टील उद्योग की रक्षा के लिए कई उपायों पर विचार कर रही है. इनमें सीमा समायोजन, मूल्य निर्धारण की निगरानी, और अन्य नियमों की समीक्षा शामिल हैं. इसके अतिरिक्त, भारत पश्चिम एशिया यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEEC) की योजना पर भी काम कर रहा है, जो लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने में मदद करेगा और समुद्री सुरक्षा को बढ़ाएगा.
इस प्रकार, भारत सरकार चीन की स्टील डंपिंग की समस्या से निपटने और घरेलू स्टील उद्योग की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठा रही है.