कोलकाता दुष्कर्म और हत्या मामले में नया खुलासा, पुलिस पर रिश्वत देने का आरोप

Kolkata Murder Case

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई दुष्कर्म और हत्या के मामले में नई जानकारियां सामने आई हैं. पीड़िता के परिवार ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने इस मामले को दबाने के लिए उन्हें रिश्वत देने की कोशिश की थी. पीड़िता की मां और पिता का कहना है कि जब उनके विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने उन्हें पैसे देने का प्रयास किया, तो उन्होंने इसे ठुकरा दिया.

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पुलिस ने दबाव डालने के लिए पैसे की पेशकश की

पीड़िता के पिता ने खुलासा किया कि जब वे और उनके परिवार वाले बड़े विरोध प्रदर्शन में शामिल थे, तब पुलिस ने मामले को दबाने के लिए उन्हें पैसे की पेशकश की थी. उन्होंने कहा, “पुलिस ने पैसे देकर मामले को दबाने की कोशिश की, लेकिन हमने तुरंत मना कर दिया.” यह आरोप पुलिस की भूमिका और मामले की जांच पर सवाल उठाते हैं.

अंतिम संस्कार के दौरान पुलिस की भूमिका पर सवाल

पीड़िता की मौसी ने आरोप लगाया कि जब उनके घर में बेटी का शव पड़ा था, तब पुलिस ने पैसे देने की कोशिश की. उन्होंने कहा, “जब हम दुख में थे और शव के सामने आँसू बहा रहे थे, तब पुलिस पैसे दे रही थी. क्या यही मानवता है?” मौसी ने यह भी कहा कि अंतिम संस्कार के दौरान 300-400 पुलिसवाले परिवार को घेरे हुए थे, लेकिन अंतिम संस्कार के बाद पुलिस पूरी तरह से निष्क्रिय हो गई.

जूनियर डॉक्टर्स और आम लोगों का विरोध

इस घटना के विरोध में बुधवार रात को बंगाल के विभिन्न जिलों में महिलाओं, लड़कियों और आम लोगों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया. इस कार्यक्रम को ‘फिर रात पर कब्जा’ नाम दिया गया. प्रदर्शनकारियों ने एक घंटे के लिए अपने घरों की लाइटें बंद करके भी विरोध जताया.

जूनियर डॉक्टर्स ने भी इस विरोध प्रदर्शन को समर्थन दिया और पूरे राज्य में न्याय की मांग की. प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पुलिस और प्रशासन ने मामले की जांच में पूरी तरह से लापरवाही की है और पीड़िता के परिवार को उचित न्याय नहीं मिल रहा है.

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निष्कर्ष

कोलकाता में दुष्कर्म और हत्या के मामले में पुलिस की भूमिका पर उठे सवाल इस मामले की गंभीरता को और बढ़ाते हैं. पुलिस द्वारा पैसे की पेशकश और फिर मामले को दबाने की कोशिश ने इस केस की जांच पर सवालिया निशान लगा दिए हैं. इस बीच, जनता और डॉक्टरों के द्वारा उठाए गए विरोध और न्याय की मांग ने एक बार फिर से इस केस को सुर्खियों में ला दिया है. अब देखना होगा कि क्या प्रशासन और पुलिस इस मामले में त्वरित और पारदर्शी कार्रवाई करेंगे या यह मामला और भी लंबा खिंचेगा.

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