पिछले सप्ताह शेयर बाजार में जोरदार तेजी देखी गई, जिससे निवेशकों को लाभ हुआ. अगस्त के अंतिम कारोबारी सप्ताह में बाजार के दोनों प्रमुख सूचकांकों ने बढ़त दर्ज की. शुक्रवार को बाजार के सूचकांक अपने उच्चतम स्तर पर बंद हुए, और टॉप-10 कंपनियों में से आठ के मार्केट कैपिटलाइजेशन (एम-कैप) में 1.83 लाख करोड़ रुपये का उछाल आया.
टॉप गेनर स्टॉक्स: एयरटेल और इन्फोसिस
पिछले सप्ताह के टॉप गेनर स्टॉक्स में भारती एयरटेल और इन्फोसिस शामिल रहे। एयरटेल और इन्फोसिस ने बाजार में शानदार प्रदर्शन किया, जिसके कारण इन कंपनियों का मार्केट कैप बढ़ा. इसके अलावा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने भी बड़ी वृद्धि दर्ज की। TCS का मार्केट कैप ₹38,894 करोड़ बढ़कर ₹14.51 लाख करोड़ हो गया है.
एम-कैप में बढ़त: अन्य प्रमुख कंपनियां
इन्फोसिस का मार्केट कैप ₹33,320 करोड़ बढ़कर ₹6.83 लाख करोड़ हो गया है, जबकि रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैप ₹32,611 करोड़ बढ़कर ₹21.51 लाख करोड़ हो गया है. इसके अतिरिक्त, ICICI बैंक, LIC, HUL, ITC और SBI जैसी कंपनियों के मार्केट वैल्यू में भी वृद्धि हुई है.
एचडीएफसी बैंक और एयरटेल की मार्केट वैल्यू में कमी
हालांकि, कुछ कंपनियों के मार्केट वैल्यू में कमी भी देखने को मिली। एचडीएफसी बैंक का मार्केट कैप ₹26,970 करोड़ घटकर ₹12.53 लाख करोड़ हो गया है. वहीं, भारती एयरटेल का मार्केट कैप ₹8,735 करोड़ घटकर ₹8.13 लाख करोड़ पर आ गया है.
सेंसेक्स और निफ्टी में प्रदर्शन
पिछले सप्ताह सेंसेक्स में 0.95% की वृद्धि रही, जबकि निफ्टी में 0.08% की बढ़त दर्ज की गई। हालांकि, सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को सेंसेक्स 53 अंक की गिरावट के साथ 79,996 के स्तर पर बंद हुआ. निफ्टी में 21 अंक की तेजी रही और यह 24,323 के स्तर पर बंद हुआ। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 17 में तेजी और 13 में गिरावट देखी गई.
मार्केट कैपिटलाइजेशन: क्या है और कैसे काम करता है?
मार्केट कैपिटलाइजेशन (एम-कैप) किसी कंपनी के कुल आउटस्टैंडिंग शेयरों की वैल्यू है, जो उस कंपनी के शेयरहोल्डर्स के पास होते हैं. इसे कंपनी के जारी शेयरों की कुल संख्या को शेयर की कीमत से गुणा करके गणना किया जाता है. यह कंपनियों को उनके आकार के आधार पर वर्गीकृत करने में मदद करता है, जैसे कि लार्ज कैप, मिड कैप, और स्मॉल कैप कंपनियां.
मार्केट कैप में वृद्धि और कमी
कंपनी के शेयर की कीमत में वृद्धि होने पर मार्केट कैप भी बढ़ता है, और इसके घटने पर मार्केट कैप भी घटता है. इसका सीधा संबंध कंपनी के शेयर की मांग और आपूर्ति से होता है, जिससे यह कंपनी की सार्वजनिक रूप से देखी गई वैल्यू को दर्शाता है.
इस प्रकार, पिछले सप्ताह की तेजी ने शेयर बाजार को एक नया उत्साह प्रदान किया, और टॉप-10 कंपनियों के एम-कैप में महत्वपूर्ण बढ़त दर्ज की गई, जिससे निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत प्राप्त हुए हैं.