Jammu Kashmir Election
Jammu Kashmir Election की तैयारी अब पूरी हो चुकी है, सभी पार्टियों ने अपने -अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं ,ऐसे में सपा भी मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर अपने प्रत्याशी उतर सकती है। सपा 7 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार सकती है ये सीटें पुलवामा ,राजपोरा, कुलग्राम , सोपोर ,अनंतनाग एवं किश्तवाड़ है।
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों का ऐलान हो चुका है. जहाँ 90 सीटों के लिए 18 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच 3 चरणों में मतदान होंगे और परिणाम 4 अक्टूबर को घोषित किये जायेंगे. भाजपा, कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस आदि पार्टियों ने कई सीटों पर अपने-अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं. प्रथम चरण के मतदान के लिए नामांकन भी शुरू हो गए हैं. वहीं समाजवादी पार्टी ने भी अब चुनाव लड़ने का मन बना लिया है. सपा मुखिया अखिलेश यादव ने तीन दिन पहले जम्मू एंड कश्मीर का प्रदेश अध्यक्ष जियालाल वर्मा को बनाया है. साथ ही उन्हें प्रदेश में पार्टी को रिलांच करने की सहमति भी दे दी है.
यूपी की विपक्षी पार्टी सपा जम्मू कश्मीर के चुनाव में उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है. सपा की नजर मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर है. सपा, कांग्रेस के साथ इंडिया ब्लॉक में शामिल है लेकिन जम्मू कश्मीर चुनाव में दोनों पार्टियां आमने-सामने नजर आ सकती हैं.
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने तीन दिन पहले ही जियालाल शर्मा को जम्मू कश्मीर का प्रदेश अध्यक्ष बनाया था. अब पार्टी जियालाल शर्मा की अगुवाई में जम्मू कश्मीर में फिर से उतरने की तैयारी में है। सपा मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर उम्मीदवार उतार सकती है. वही पर सपा प्रवक्ता जूही सिंह ने कहा कि पार्टी पहले भी जम्मू कश्मीर में चुनाव लड़ चुकी है लेकिन पार्टी को उस समय हार का सामना करना पड़ा था। अब पार्टी फिर से इस चुनाव में अपने हाथ आजमाना चाहती है।
जम्मू कश्मीर से चुनाव लड़ चुकी है सपा
सपा जम्मू कश्मीर चुनाव में पहले भी चुनाव लड़ चुकी है. उस समय पार्टी ने कठुआ सीट पर अपना उम्मीदवार उतारा था, तब पार्टी उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा था. जम्मू कश्मीर में शेख अब्दुल रहमान सपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष थे, परन्तु पिछले 10 सालो से सूबे में पार्टी निष्क्रिय है. तीन दिन पहले ही जियालाल शर्मा को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। नए प्रदेश अध्यक्ष जियालाल वर्मा ने पुराने सपा कार्यकर्ताओं को बुलाकर पार्टी को फिर से मैदान में उतारने की बात कही है।
जम्मू कश्मीर में आखिरी विधानसभा चुनाव 2014 में हुए थे
जम्मू-कश्मीर में आखिरी चुनाव 2014 में हुए थे. 2014 में हुए विधानसभा चुनावों में BJP और PDP ने गठबंधन सरकार बनाई थी. 2018 में गठबंधन टूटने के बाद यह सरकार गिर गई ,इसके बाद राज्य में 6 महीने तक राज्यपाल शासन लागू रहा और इसके बाद राष्ट्रपति शासन लागू हो गया. राष्ट्रपति शासन के बीच में ही 2019 के लोकसभा चुनाव हुए, जिसमें बीजेपी भारी बहुमत के साथ केंद्र में लौटी.
पांच अगस्त 2019 को सरकार ने आर्टिकल-370 खत्म करके राज्य को दो केंद्र-शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया.अब जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. ऐसे में सभी पार्टियां अपने -अपने प्रत्याशी उतारने की तैयारी में लगी हुई हैं वही सपा भी इस चुनाव में उतरने का अब मन बना चुकी है।