Monkeypox Virus का खतरा अब भारत में भी
Monkeypox Virus अब भारत में भी तेजी से फैल रहा है और इसका प्रकोप 17 देशों तक पहुंच गया है, भारत में भी इसके मामले देखने को मिले हैं, WHO ने इसे दुनिया की सबसे खतरनाक बीमारियों की लिस्ट में शामिल किया है .भारत में मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है। साल 2022 से अब तक भारत में मंकीपॉक्स के कुल 30 मामले सामने आए हैं।भारत में मंकीपॉक्स का पहला मामला जुलाई 2022 में सामने आया था।यह बीमारी 17 अफ्रीकी देशों और महाद्वीप के बाहर के कई देशों में फैल चुकी है।इसकी मृत्यु दर 3% है, जो मंकीपॉक्स के अन्य प्रकारों की 0.1% मृत्यु दर से काफी ज्यादा है.
भारत के कई राज्यों में इसको लेकर उच्च स्तरीय बैठक की।कर्नाटक सरकार के चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. शरण प्रकाश पाटिल ने शुक्रवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की।जनता को आश्वस्त करते हुए, मंत्री पाटिल ने कहा कि राज्य सरकार ने एमपॉक्स के प्रसार को रोकने के लिए तत्पर है।”इस मुद्दे पर केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग के साथ भी चर्चा की गई है। केंद्र सरकार अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर जांच के लिए दिशा निर्देश देगी।
वही दिल्ली में भी मंकीपॉक्स को लेकर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज बयान सामने आया है उन्होंने कहा कि हम एमपॉक्स’ (M-pox) की स्थिति को लेकर कड़ी सतर्कता बरतने के साथ घटनाक्रम पर बारीकी से नजर बनाए हुए है, उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार केंद्र और दूसरी राज्य सरकारों द्वारा उठाए गए कदमों को ध्यान से देख रही है।
मंकीपॉक्स (एमपॉक्स) के लक्षण
मंकीपॉक्स के मरीजों में शुरुआती लक्षण फ्लू , बुखार, खांसी, उल्टी आदि देखे जा सकते हैं। इसके अलावा, मवाद से भरे घाव भी हो सकते हैं, जो इस बीमारी की एक खास लक्षण है। साथ ही जननांगों में सूजन आ सकती है जिससे पेशाब करने में कठिनाई हो सकती है।
मंकीपॉक्स वायरस का संक्रमण
मंकीपॉक्स वायरस मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति के घावों, द्रवों या संक्रमित वस्तुओं के सीधे संपर्क में आने से फैलता है। यह वायरस हवा में आसानी से नहीं फैलता है।घावों के सीधे संपर्क में आने से, संक्रमित व्यक्ति के घावों को छूने से या उनसे निकलने वाले द्रवों के संपर्क में आने से यह वायरस फैल सकता है। मां से बच्चे में गर्भावस्था के दौरान या प्रसव के समय संक्रमित मां से बच्चे में यह वायरस फैल सकता है।शारीरिक संबंध,यौन संबंध के दौरान भी यह वायरस फैल सकता है।
मंकीपॉक्स वायरस से बचाव
संक्रमित वस्तुओं से बचें, संक्रमित व्यक्ति से जितना हो सके उतनी दूरी बनाए रखें। संक्रमित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल की गई वस्तुओं जैसे कि बिस्तर, कपड़े, बर्तन आदि को न छुएं। संक्रमित व्यक्ति के घावों के संपर्क में आने से बचने के लिए अपनी त्वचा को ढकें। यदि आपको मंकीपॉक्स के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।