अमेरिका की उपराष्ट्रपति Kamla Harris ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पेश किया है जिसमें अमेरिकी कॉर्पोरेट कर की दर को बढ़ाकर 28 प्रतिशत करने की योजना का सुझाव दिया गया है. यह प्रस्ताव अमेरिकी आर्थिक नीतियों में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है और इसका व्यापक प्रभाव हो सकता है.
प्रस्ताव का उद्देश्य
Kamla Harris ने 28 प्रतिशत कॉर्पोरेट कर की दर के प्रस्ताव को पेश करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य अमेरिकी कंपनियों से अधिक कर वसूलना है, ताकि सरकार के लिए अधिक राजस्व जुटाया जा सके और सार्वजनिक सेवाओं में निवेश बढ़ाया जा सके. यह प्रस्ताव विशेष रूप से उन कंपनियों पर लागू होगा जिनकी आमदनी बहुत अधिक है और जो वर्तमान में कम कर दरों का लाभ उठा रही हैं.
कर की दर में बदलाव का ऐतिहासिक संदर्भ
अमेरिका में कॉर्पोरेट कर की दर में बदलाव की यह योजना राष्ट्रपति जो बाइडन की आर्थिक नीतियों का हिस्सा है. वर्तमान में अमेरिका में कॉर्पोरेट कर की दर 21 प्रतिशत है, जिसे 2017 में ट्रम्प प्रशासन के तहत कम किया गया था. हैरिस का प्रस्ताव इस दर को बढ़ाकर 28 प्रतिशत करने की सिफारिश करता है, जो बाइडन प्रशासन के टैक्स प्लान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.
आर्थिक लाभ
Kamla Harris के प्रस्तावित कर दर में वृद्धि से अमेरिकी सरकार को अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होने की संभावना है, जो बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और अन्य सार्वजनिक सेवाओं में निवेश के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके अतिरिक्त, यह योजना बड़े निगमों पर अधिक कर भार डालने के माध्यम से आर्थिक असमानता को कम करने का प्रयास करती है.
संभावित चुनौतियाँ और विरोध
प्रस्तावित कर दर में वृद्धि के खिलाफ कुछ विरोधी तर्क भी सामने आए हैं. विरोधी दलों का कहना है कि उच्च कर दर से कंपनियों के निवेश और आर्थिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. कंपनियों को अधिक करों का सामना करना पड़ सकता है, जिससे वे अमेरिका में निवेश कम कर सकती हैं या अपने व्यवसाय को अन्य देशों में स्थानांतरित कर सकती हैं.
कर सुधार के वैकल्पिक उपाय
कर की दर बढ़ाने के अलावा, हैरिस ने कॉर्पोरेट टैक्स सुधार के अन्य उपायों की भी सिफारिश की है. इनमें कर छूट की समीक्षा, कर चोरी को रोकने के लिए नई नीतियाँ और अंतरराष्ट्रीय कर नियमों के साथ समन्वय शामिल है. इन उपायों का उद्देश्य सुनिश्चित करना है कि बड़ी कंपनियाँ उचित मात्रा में कर अदा करें और कोई भी कर में छूट का लाभ न उठाए.