इंसान की जिंदगी में दो बार आती है बुढ़ापे की लहर, जानें कैसे होते हैं शरीर में बड़े बदलाव

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बुढ़ापे के दो अहम पड़ाव

इंसान की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया एक जटिल और धीमी प्रक्रिया होती है, लेकिन हाल ही में एक अध्ययन ने यह खुलासा किया है कि हमारी उम्र के दो पड़ाव ऐसे हैं जब शरीर में अचानक बड़े और महत्वपूर्ण बदलाव होते हैं. ये पड़ाव 40 और 60 साल की उम्र के होते हैं, जब शरीर में कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है और स्वास्थ्य से जुड़े बड़े बदलाव देखने को मिलते हैं.

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40 साल की उम्र में पहला बदलाव

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के जीनोमिक्स और पर्सनलाइज्ड मेडिसिन सेंटर के निदेशक प्रोफेसर माइकल स्नाइडर की अगुवाई में किए गए इस अध्ययन में 25 से 75 साल की उम्र के हजारों लोगों के विभिन्न अणुओं की जांच की गई.इस स्टडी में 108 वॉलंटियर्स के मुंह, नाक, ब्लड, और मल के सैंपल्स लिए गए, जिनमें से 135,000 से ज्यादा विभिन्न अणुओं, RNA, प्रोटीन, और मेटाबोलाइट्स का विश्लेषण किया गया.

शोध में पाया गया कि 40 साल की उम्र के आसपास हमारे शरीर में दिल से जुड़ी बीमारियों, अल्कोहल और कैफीन मेटाबोलिज्म, और लिपिड्स के मेटाबोलिज़्म में बड़े बदलाव होते हैं. यह वह उम्र होती है जब दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ने लगता है और शरीर की एनर्जी प्रबंधन की क्षमता में गिरावट आ सकती है. यह बदलाव पुरुषों और महिलाओं में समान रूप से देखे जाते हैं.

60 साल की उम्र में दूसरा बदलाव

अध्ययन के अनुसार, उम्र का दूसरा बड़ा बदलाव 60 साल की उम्र में आता है. इस उम्र में शरीर की इम्यून सिस्टम में कमजोरी आने लगती है, जिससे शरीर बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है. साथ ही, किडनी के फंक्शन, मांसपेशियों और त्वचा से जुड़े मॉलिक्यूल्स में भी बदलाव देखा जाता है. यह वह समय होता है जब शरीर का कार्बोहाइड्रेट मेटाबोलिज्म कमजोर पड़ने लगता है, जिससे ब्लड शुगर के स्तर में अस्थिरता हो सकती है.

एजिंग पर क्या होता है असर?

एजिंग की प्रक्रिया को लेकर वैज्ञानिकों ने कई रिसर्च की हैं, लेकिन आज भी इस विषय पर कई सवाल बने हुए हैं. एजिंग को प्रभावित करने वाले फैक्टर्स में न्यूट्रिशन की कमी, सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणें, और अन्य पर्यावरणीय कारण शामिल हो सकते हैं. अध्ययन के अनुसार, 60 की उम्र में दिमाग और दिल की बीमारियों का खतरा अधिक होता है, इसलिए इस समय अच्छी डाइट, नियमित एक्सरसाइज, और हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाना महत्वपूर्ण हो जाता है.

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निष्कर्ष

यह अध्ययन यह दर्शाता है कि इंसान की जिंदगी में उम्र के दो पड़ाव ऐसे होते हैं जब शरीर में बड़े और अहम बदलाव होते हैं. 40 और 60 साल की उम्र के ये दो पड़ाव हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले होते हैं, और हमें इस समय के दौरान विशेष ध्यान रखना चाहिए. अच्छी डाइट, नियमित व्यायाम, और स्वस्थ जीवनशैली को अपनाकर इन बदलावों के प्रभाव को कम किया जा सकता है और एक स्वस्थ जीवन जिया जा सकता है.

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