दुनियाभर की कई बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों में भारतीय मूल के सीईओ ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, और अडोबी जैसी दिग्गज कंपनियों में भारतीयों का नेतृत्व न केवल इन कंपनियों की सफलता में योगदान दे रहा है, बल्कि यह भी साबित करता है कि भारतीय प्रतिभा का वैश्विक स्तर पर कितना प्रभाव है.
गूगल और अल्फाबेट के सीईओ – सुंदर पिचाई
गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई का नाम शायद ही किसी परिचय का मोहताज हो. पिचाई ने 2004 में गूगल में अपनी यात्रा शुरू की और धीरे-धीरे कंपनी के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स को संभालते हुए 2015 में गूगल के सीईओ बने. उनके नेतृत्व में गूगल ने कई महत्वपूर्ण प्रोडक्ट्स और सर्विसेज लॉन्च की, जिनमें क्रोम ब्राउज़र और एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम शामिल हैं. पिचाई की दूरदर्शिता और नेतृत्व के कारण गूगल आज टेक्नोलॉजी उद्योग में सबसे अग्रणी कंपनियों में से एक है.
माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ – सत्य नडेला
माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला का भारतीय मूल से होना भी गर्व की बात है. 2014 में माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ बनने के बाद, नडेला ने कंपनी को क्लाउड कंप्यूटिंग की दिशा में अग्रसर किया, जिससे माइक्रोसॉफ्ट ने तकनीकी उद्योग में एक नई ऊंचाई हासिल की. हैदराबाद में जन्मे नडेला की लीडरशिप में माइक्रोसॉफ्ट ने न केवल अपने पारंपरिक सॉफ्टवेयर बिजनेस को मजबूत किया, बल्कि नए बाजारों में भी सफलता प्राप्त की.
अडोबी के सीईओ – शांतनु नारायण
अडोबी इंक के सीईओ शांतनु नारायण भी भारतीय मूल के हैं और उन्होंने 1998 से अडोबी के साथ जुड़कर कंपनी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है. उनके नेतृत्व में, अडोबी ने क्रिएटिव सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में अपनी मजबूत पकड़ बनाई और कंपनी के डिजिटल मार्केटिंग बिजनेस को भी विस्तार दिया. शांतनु नारायण की रणनीतिक सोच और नेतृत्व ने अडोबी को डिजिटल क्रिएटिविटी के क्षेत्र में अग्रणी बना दिया है.
IBM के सीईओ – अरविंद कृष्णा
इंटरनेशनल बिजनेस मशीन्स (IBM) के सीईओ अरविंद कृष्णा का भारतीय मूल से होना भी टेक्नोलॉजी क्षेत्र में भारतीयों की प्रतिभा का प्रमाण है. उन्होंने 2020 में IBM के सीईओ का पद संभाला और कंपनी के क्लाउड और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बिजनेस को आगे बढ़ाया. कृष्णा ने IBM को एक मजबूत और टिकाऊ टेक्नोलॉजी लीडर के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
माइक्रोन टेक्नोलॉजी के सीईओ – संजय महरोत्रा
माइक्रोन टेक्नोलॉजी के सीईओ संजय महरोत्रा भी भारतीय मूल के हैं. यह कंपनी कंप्यूटर मेमोरी और डेटा स्टोरेज के क्षेत्र में काम करती है. महरोत्रा के नेतृत्व में, माइक्रोन टेक्नोलॉजी ने सेमीकंडक्टर उद्योग में महत्वपूर्ण प्रगति की है और कंपनी को दुनिया की प्रमुख मेमोरी उत्पादक कंपनियों में से एक बना दिया है.
निष्कर्ष
इन भारतीय सीईओ ने न केवल अपने-अपने संगठनों को सफल बनाया है, बल्कि वैश्विक टेक्नोलॉजी उद्योग में भी भारतीयों की भूमिका को महत्वपूर्ण बना दिया है. इनके नेतृत्व में, ये कंपनियां न केवल नई ऊंचाइयों को छू रही हैं, बल्कि तकनीकी नवाचार और वैश्विक बाजारों में भी अपनी पहचान बना रही हैं. यह भारतीय प्रतिभा और मेहनत का ही नतीजा है कि आज दुनियाभर की शीर्ष टेक कंपनियों में भारतीय सीईओ की अहम भूमिका है.