कोलकाता डॉक्टर हत्या मामला: जूनियर डॉक्टरों का आक्रोश बढ़ता, स्वास्थ्य सेवाएं ठप

Kolkata Murder Case

महिला डॉक्टर की हत्या से भड़का आक्रोश

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी महिला डॉक्टर के दुष्कर्म और हत्या के बाद पूरे पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है. न्याय की मांग को लेकर सरकारी अस्पतालों में आंदोलनरत जूनियर डॉक्टरों ने रविवार को लगातार दसवें दिन भी काम बंद रखा, जिससे पूरे राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं ठप हो गईं.

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राज्यभर में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित

रविवार को सरकारी अस्पतालों में ओपीडी बंद रहती है, लेकिन इमरजेंसी सेवाओं को चलाने के लिए वरिष्ठ डॉक्टर मौजूद रहे. इसके बावजूद, जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन के चलते स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो गईं. पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में अस्पतालों में मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ा, और स्थिति गंभीर बनी हुई है.

घटना ने झकझोरा राज्य

गौरतलब है कि महिला ट्रेनी डॉक्टर का शव 9 अगस्त को अस्पताल के सेमिनार हॉल में मिला था. इस घटना ने राज्यभर में हड़कंप मचा दिया है। घटना के बाद एक नागरिक स्वयंसेवक को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन मामले में अन्य संलिप्त लोगों की भी जांच की जा रही है. जूनियर डॉक्टर इस बात की मांग कर रहे हैं कि दोषियों को जल्द से जल्द सजा दी जाए और पीड़िता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए.

सीबीआई कर रही मामले की जांच

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 13 अगस्त को इस मामले की जांच कोलकाता पुलिस से लेकर सीबीआई को सौंप दी। सीबीआई ने 14 अगस्त से अपनी जांच शुरू कर दी है. इस बीच, देशभर में इस घटना को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है.

केंद्र सरकार की अपील और डॉक्टरों की हड़ताल

केंद्र सरकार ने बढ़ते डेंगू और मलेरिया के मामलों को देखते हुए डॉक्टरों से अपील की है कि वे काम पर लौट आएं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने डॉक्टरों को आश्वासन दिया है कि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष समिति का गठन किया जाएगा. इसके बावजूद, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने देशव्यापी हड़ताल की घोषणा की है.

आईएमए की 24 घंटे की हड़ताल

आईएमए ने 17 अगस्त को सुबह 6 बजे से 24 घंटे के लिए गैर-आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को बंद रखने का निर्णय लिया है. इस हड़ताल के कारण देशभर के डॉक्टर विरोध में शामिल हो गए हैं, जिससे चिकित्सा सेवाओं पर बड़ा असर पड़ा है.

राजनीतिक दलों और संगठनों का समर्थन

इस घटना के खिलाफ राजनीतिक दलों और विभिन्न संगठनों ने भी अपना समर्थन व्यक्त किया है. पश्चिम बंगाल कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ हुई इस बर्बर घटना के खिलाफ एक रैली निकाली.

डॉक्टरों की सुरक्षा पर बढ़ती चिंता

डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर देशभर में चिंता बढ़ गई है। डॉक्टरों के संगठनों ने मांग की है कि सरकार डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए. कोलकाता की घटना ने स्वास्थ्य सेवाओं में काम करने वाले पेशेवरों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

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आंदोलन का प्रभाव और आगे की राह

जूनियर डॉक्टरों का आंदोलन इस समय अपने चरम पर है और इससे स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हो रही हैं. सरकार की ओर से डॉक्टरों को काम पर लौटने की अपील के बावजूद, आंदोलनकारी डॉक्टर न्याय की मांग को लेकर डटे हुए हैं. आने वाले दिनों में इस आंदोलन के और तेज होने की संभावना है, जिससे राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं पर और गंभीर प्रभाव पड़ सकता है.

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