हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा का कहर
हिमाचल प्रदेश में मानसून के दौरान बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं ने लोगों के जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है. राज्य के विभिन्न हिस्सों में बादल फटने की घटनाओं के कारण सड़कें बह गईं और कई क्षेत्रों में यातायात बाधित हो गया. शुक्रवार शाम को शिमला जिले के रामपुर उपमंडल में बादल फटने से बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ. डमराड़ी गांव के खोल्टी नाले में बादल फटने से आई बाढ़ ने सड़कों को बहा दिया, जिससे कई गांवों का संपर्क टूट गया.
तकलेच के पास सड़क बहने से सेब की पेटियां फंसीं
तकलेच के पास सड़क बहने के कारण नौ पंचायतों के बागवानों की सात लाख से अधिक सेब की पेटियां मंडी तक नहीं पहुंच सकीं. इस आपदा से क्षेत्र के बागवानों को भारी नुकसान हुआ है, क्योंकि सेब की फसल का समय पर मंडी पहुंचना बेहद महत्वपूर्ण होता है. सड़क ध्वस्त होने के कारण बागवानों के सामने गंभीर चुनौती खड़ी हो गई है.
निगुलसरी में 26 घंटे बाद यातायात बहाल
किन्नौर जिले को शिमला से जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग पांच निगुलसरी में भूस्खलन के कारण बंद हो गया था. 26 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद शनिवार को यातायात बहाल किया जा सका. मार्ग के बंद होने से वाहनों की लंबी कतारें लग गई थीं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. किन्नौर के उपायुक्त डा. अमित कुमार शर्मा ने भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया और स्थिति का जायजा लिया.
प्रदेश को अब तक 1140 करोड़ रुपये का नुकसान
हिमाचल प्रदेश में मानसून के कारण हुए भूस्खलन, बादल फटने और भारी बारिश से राज्य को अब तक 1140 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है. लोक निर्माण विभाग को 502.80 करोड़ रुपये और जलशक्ति विभाग को करीब 470 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इसके अलावा, पिछले 24 घंटों के दौरान 13 मकान और 20 पशुशालाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं.
बाढ़ प्रभावितों के साथ बैठक
शिमला के उपायुक्त अनुपम कश्यप और पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने रामपुर क्षेत्र के समेज गांव में बाढ़ प्रभावितों के साथ बैठक की. उपायुक्त ने कहा कि समेज में प्राकृतिक आपदा में बहे लोगों के लिए तलाशी अभियान चरणबद्ध तरीके से जारी रहेगा. यह अभियान लगभग 85 किलोमीटर के क्षेत्र में चलाया जा रहा है, ताकि लापता लोगों को ढूंढा जा सके.
132 सड़कें और 1235 ट्रांसफार्मर ठप
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के लिए हिमाचल प्रदेश के चंबा, कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर जिलों में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा और बाढ़ की चेतावनी जारी की है. प्रदेश में एक राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 132 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं, जबकि 1235 ट्रांसफार्मर खराब होने के कारण कई स्थानों पर बिजली आपूर्ति बाधित है. राज्य के अधिकतम तापमान में एक से दो डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है, जिससे मौसम और अधिक ठंडा हो गया है.
आगे की चुनौतियां और प्रशासन की तैयारी
हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश और भूस्खलन से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. प्रशासन स्थिति पर काबू पाने के लिए लगातार प्रयासरत है, लेकिन चुनौती बड़ी है. राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है. अगले कुछ दिनों में और भी भारी बारिश की संभावना है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है.