भारत की आजादी के बाद से भारतीय रेलवे ने अपनी यात्रा में अद्वितीय बदलाव देखे हैं. भाप इंजन से शुरू हुआ यह सफर आज वंदे भारत और जल्द ही बुलेट ट्रेन तक पहुंचने वाला है. भारतीय रेलवे ने अपने इतिहास में कई उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन आज यह दुनिया के सबसे बड़े और प्रभावी रेल नेटवर्क के रूप में उभरा है. आने वाले सालों में रेलवे को और भी बेहतरीन बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स चलाए जा रहे हैं.
दुनिया के लिए मिसाल है भारतीय रेलवे
जब भी दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क की बात होती है, भारतीय रेलवे का नाम प्रमुखता से लिया जाता है. वर्तमान में भारतीय रेलवे का नेटवर्क करीब 1.26 लाख किलोमीटर से भी ज्यादा का है. रोजाना करोड़ों लोग इस नेटवर्क के जरिए यात्रा करते हैं। अगर भारतीय रेलगाड़ियां रोजाना जितनी दूरी तय करती हैं उसे मापा जाए, तो यह दूरी लगभग 36.78 लाख किलोमीटर होती है. इसे अंतरिक्ष में धरती के एक चक्कर से तुलना करें, तो यह 97 बार पृथ्वी का चक्कर लगाने जितनी होगी. यानी भारतीय रेलवे रोजाना पृथ्वी के चारों ओर 97 बार चक्कर लगाने जितनी दूरी तय करता है.
भारतीय रेलवे का विकास: भाप इंजन से वंदे भारत तक
आजादी के बाद भारतीय रेलवे ने जबरदस्त विकास किया है. भाप इंजन से लेकर वंदे भारत तक का यह सफर अनोखा रहा है. वंदे भारत एक्सप्रेस, जो देश के कई प्रमुख रूट्स पर दौड़ रही है, आने वाले समय में पहाड़ी इलाकों में भी सेवा देगी. अब रेलवे नेटवर्क में कश्मीर, पूर्वोत्तर और लद्दाख जैसे क्षेत्रों को भी जोड़ा जा रहा है. इसके साथ ही, आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण हो रहा है. वंदे भारत का सफर भारतीय रेलवे के विकास में अहम भूमिका निभा रहा है और यह देश की बड़ी आबादी के लिए महत्वपूर्ण जीवनरेखा बन चुका है.
जल्द दौड़ेगी बुलेट ट्रेन
भारत में बुलेट ट्रेन चलने की संभावना वर्ष 2026 तक है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस परियोजना की समीक्षा करते हुए बताया कि भारत की पहली बुलेट ट्रेन मुंबई और अहमदाबाद के बीच चलेगी. वर्तमान में मुंबई और अहमदाबाद के बीच यात्रा करने में लगभग छह घंटे लगते हैं, जबकि बुलेट ट्रेन की शुरुआत के बाद यह समय आधा हो जाएगा. बुलेट ट्रेन भारतीय रेलवे के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी.
आर्च ब्रिज: एक अद्वितीय उपलब्धि
भारतीय रेलवे ने चिनाब नदी पर आर्च ब्रिज का निर्माण करके इंजीनियरिंग के क्षेत्र में एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है. यह ब्रिज यूएसबीआरएल प्रोजेक्ट के तहत बना है और इसकी मदद से कश्मीर को सफलतापूर्वक रेल नेटवर्क में जोड़ा गया है. आर्च ब्रिज और अंजी ब्रिज की वजह से देशवासी आसानी से कश्मीर तक ट्रेन के माध्यम से पहुंच सकेंगे.
‘कवच’ तकनीक से सुरक्षा में सुधार
भारतीय रेलवे अपने नेटवर्क के विस्तार के साथ-साथ यात्रियों की सुरक्षा के लिए भी काम कर रहा है. राजधानी दिल्ली के आसपास 118 किलोमीटर और अन्य मंडलों में 1175 किलोमीटर रेलवे ट्रैक पर ट्रेन टकराव को रोकने के लिए ‘कवच’ नामक आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. इस तकनीक के जरिए ट्रेन हादसों को रोकने में सफलता मिलेगी.