देश में सांस से संबंधित बीमारियों में हो रहा इजाफा, जिसके चलते एक बार फिर से राज्यों में जारी हुआ हाई अलर्ट.
कोविड-19 के मामलों में हो रही तेजी से बढ़ोतरी. पिछले 4 महीनों में रिकॉर्ड हुए सबसे ज्यादा कोरोना के मामलें. जहां फरवरी में ये केस 200 थे वहीं मार्च में बढ़कर इनकी संख्या 618 तक पहुंच चुकी है. 17 मार्च शुक्रवार को 796 मामलें सामने आए.
पांच राज्यों में संक्रमण दर बाकी राज्यों की अपेक्षा में काफी अधिक पाया गया जिसके चलते सप्ताह के अंत में राष्ट्रीय आंकड़ा 0.61 फीसदी रहा. संक्रमण दर के मामलों में केरल और कर्नाटक का नाम सबसे ऊपर शामिल है.
देशभर में हो रही इन्फ्लूएंजा के मामलों में बढ़ोतरी. मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक,जनवरी के पहले सप्ताह में सामने आए तकरीबन 583 मामलें.
डॉक्टरों का कहना है की हाल ही में उनके पास श्वास संबंधित बीमारियों से पीड़ीत लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है. बीते 4 महीनों में जहां मामले 90 फीसदी थे वहीं मात्र एक सप्ताह में 85 प्रतिशत मामले तक ये मामलें बढ़ गए है. जिनमें 30 से 35 फीसदी केस एक ही वायरस के सामने आए है. इनमें से ज्यादातर मामले एच3एन2 के दर्ज हुए है.
तमिलनाडु में सांस से संबंधित बीमारियों में बढ़ोतरी के कारण सरकार ने बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए 1,70,000 बेड तैयार कराए है.एच3एन2 एवं अन्य सांस की बीमारियों के संक्रमण दर को रोकने के लिए पुदुच्चेरी सरकार ने 11 दिनों के लिए स्कुल बंद कर दिए है.
केंद्र सरकार ने इन 6 राज्यों को कोविड-19 के बढ़ते मामलों के लिए आगाह किया है जिसमें गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल और तेलंगाना का नाम शामिल है.
वर्ष 2023 में 28 फरवरी तक एच1एन1 के लगभग 955 मामले सामने आए है. जिनमें से 545 केस तमिलनाडु से सामने आए है.