दिल्ली में कोलकाता की एक महिला रेजिडेंट डॉक्टर की हत्या के विरोध में रेजिडेंट डॉक्टरों ने हड़ताल का आह्वान किया है. इस हड़ताल का असर शहर के प्रमुख सरकारी अस्पतालों में देखा जा रहा है, जहां चिकित्सा सेवाएं बाधित हो गई हैं. एम्स के डॉक्टरों ने इस विरोध को और तीव्र करते हुए रिंग रोड पर प्रदर्शन किया, जिससे वहां लंबा जाम लग गया और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल बुलाया गया.

कोलकाता की घटना पर देशव्यापी रोष
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर की हत्या की घटना ने पूरे देश को हिला दिया है. इस घटना के विरोध में फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) इंडिया ने देशभर में हड़ताल की घोषणा की. दिल्ली में इस हड़ताल का व्यापक असर देखा जा रहा है, जहां एम्स समेत प्रमुख सरकारी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किया.
रिंग रोड पर लंबा जाम, पुलिस बल तैनात
एम्स के डॉक्टरों ने इस विरोध प्रदर्शन के तहत रिंग रोड को बंद कर दिया, जिससे वहां लंबा जाम लग गया. रिंग रोड पर ट्रैफिक जाम के कारण यात्रियों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ा. प्रदर्शन को शांतिपूर्वक समाप्त कराने और यातायात को सुचारू रूप से चालू करने के लिए भारी संख्या में पुलिसकर्मी मौके पर तैनात किए गए.
अस्पतालों की सेवाएं प्रभावित
हड़ताल के चलते दिल्ली के प्रमुख सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं और नियमित सर्जरी प्रभावित हुई हैं. सफदरजंग, आरएमएल, लेडी हार्डिंग, लोकनायक, और जीबी पंत जैसे अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टरों की अनुपस्थिति के कारण मरीजों को इलाज में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि, इमरजेंसी सेवाएं सामान्य रूप से जारी हैं.
डॉक्टरों की मांग: सीबीआई जांच और सुरक्षा कानून
एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने इस हड़ताल के माध्यम से कोलकाता की घटना की सीबीआई जांच कराने और डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए सख्त कानून बनाने की मांग की है. उनका कहना है कि स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कठोर कदम उठाए जाने चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.
फैकल्टी डॉक्टरों पर निर्भर सेवाएं
हड़ताल के कारण अस्पतालों की ओपीडी सेवाएं अब फैकल्टी और कंसल्टेंट डॉक्टरों पर निर्भर हैं. आरएमएल अस्पताल के प्रवक्ता डॉ. पुलिन गुप्ता ने बताया कि रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल को देखते हुए फैकल्टी डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं. सभी कंसल्टेंट डॉक्टरों को तत्काल ड्यूटी पर वापस बुला लिया गया है ताकि मरीजों को आवश्यक चिकित्सा सेवाएं मिलती रहें.

एम्स में सीमित सेवाएं
एम्स में रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल जारी रहने तक सुबह की ओपीडी में केवल ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट वाले मरीजों को ही देखा जा रहा है. बिना अपॉइंटमेंट वाले नए मरीजों को फिलहाल इलाज नहीं मिल पा रहा है. इसके अलावा, दोपहर बाद की ओपीडी और विशेष क्लीनिक में केवल फॉलोअप वाले पुराने मरीजों को ही सीमित संख्या में देखा जा रहा है.
निष्कर्ष
कोलकाता की घटना के विरोध में दिल्ली में डॉक्टरों की हड़ताल ने राजधानी में चिकित्सा सेवाओं को प्रभावित किया है. रिंग रोड पर प्रदर्शन और जाम के चलते स्थिति और अधिक गंभीर हो गई है. डॉक्टरों की मांगें और उनका विरोध इस बात की ओर संकेत करता है कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है.