तेलंगाना के सिरसिला जिले में एक यूट्यूबर को मोर की अवैध हत्या को बढ़ावा देने के आरोप में बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा. यूट्यूबर कोडम प्रणय कुमार ने हाल ही में अपने यूट्यूब चैनल पर ‘Peacock Curry’ नामक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने पारंपरिक मोर करी की रेसिपी शेयर की. यह वीडियो वायरल होते ही मामला तूल पकड़ गया, जिसके बाद वन्य जीव संरक्षण कानून के तहत उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
वीडियो ने मचाया बवाल
कोडम प्रणय कुमार, जो सिरसिला जिले के तंगल्लापल्ली गांव के निवासी हैं, ने अपने यूट्यूब चैनल “श्री टीवी” पर यह विवादित वीडियो अपलोड किया था. वीडियो में वह पारंपरिक तरीके से मोर की करी बनाने की विधि समझा रहे थे. राष्ट्रीय पक्षी मोर को प्रोटेक्टेड वन्यजीव की श्रेणी में रखा गया है, और इसका शिकार करना अपराध माना जाता है. जब यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने इसकी कड़ी निंदा की और कार्रवाई की मांग की.
वन विभाग की त्वरित कार्रवाई
वन विभाग ने मामले का संज्ञान लेते हुए तंगल्लापल्ली गांव में छापा मारा, जहां करी पकाई गई थी. वन अधिकारियों ने उस स्थान से मोर करी जब्त कर ली और उसे फोरेंसिक जांच के लिए लैब भेजा. करी के नमूनों की जांच के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि उसमें मोर का मांस इस्तेमाल किया गया था या नहीं. वन अधिकारियों ने आरोपी के खिलाफ वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट, 1972 के तहत मामला दर्ज कर लिया है.
पशु अधिकार कार्यकर्ताओं का विरोध
मामला सामने आने के बाद पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने जोरदार विरोध किया और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. वन विभाग ने यह भी सुनिश्चित किया कि वीडियो को यूट्यूब से हटा दिया जाए ताकि और लोग इसे न देख सकें. हालांकि, वीडियो के वायरल होने के बाद वन्यजीव संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए इस घटना का व्यापक प्रचार-प्रसार हो गया.
यूट्यूबर की गिरफ्तारी की मांग
वन विभाग की कार्रवाई के बाद, अब आरोपी कोडम प्रणय कुमार को पुलिस हिरासत में लिया जा सकता है. जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा.
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएँ
यह घटना सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चा में रही. जहां एक ओर लोगों ने यूट्यूबर की इस हरकत की कड़ी निंदा की, वहीं दूसरी ओर कई लोगों ने इसे कानून का उल्लंघन करार दिया.
निष्कर्ष
इस घटना ने यह साबित कर दिया कि इंटरनेट पर प्रसिद्धि पाने के लिए गलत तरीके अपनाना भारी पड़ सकता है. मोर जैसे संरक्षित जीवों का शिकार न केवल कानूनी अपराध है, बल्कि यह नैतिक रूप से भी गलत है. यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर ऐसे कंटेंट की निगरानी और नियंत्रण की सख्त जरूरत है ताकि ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो.