Neeraj Chopra ने पेरिस ओलंपिक में रचा इतिहास,गंभीर बीमारी से जूझते हुए जीता सिल्वर मेडल

नीरज

ओलिंपिक में बीमारी के बावजूद शानदार प्रदर्शन किया

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भारतीय एथलीट नीरज चोपड़ा ने पेरिस ओलंपिक में अपने शानदार प्रदर्शन से ज्वैलिन थ्रो में सिल्वर मेडल जीतकर देश का मान बढ़ाया है. हालांकि, उन्हें गोल्ड मेडल का प्रबल दावेदार माना जा रहा था, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि नीरज इस दौरान एक गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे. नीरज चोपड़ा को हर्निया नामक बीमारी है, जिसके कारण उनके ग्रोइन एरिया में काफी दर्द हो रहा था. इस समस्या के चलते नीरज को मैदान पर अपनी पूरी क्षमता दिखाने में कठिनाई हुई, फिर भी उन्होंने का परिचय देते हुए सिल्वर मेडल अपने नाम किया. हर्निया की सबसे खराब बात यह है कि इस बीमारी का इलाज केवल सर्जरी से ही संभव है, और फिलहाल कोई दवाई इस समस्या को पूरी तरह से ठीक नहीं कर सकती. मतलब नीरज को न चाहते हुए भी सर्जरी से गुजरना ही पड़ेगा, जो कि उनके के साथ दूसरे खेल प्रेमियों के लिए एक चिंता का विषय बना हुआ है.

क्या है हर्निया और इसके लक्षण?

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अगर आप इस बीमारी के बारे में नहीं जानते हैं तो बता दें हार्निया एक ऐसी स्थिति है, जिसमें पेट के अंग पेट की गुहा की किसी दीवार से बाहर निकल जाते हैं. यह समस्या धीरे-धीरे बढ़ती है और उम्र बढ़ने या मांसपेशियों के कमजोर होने पर इसका असर दिखने लगता है. हर्निया के कारण पेट और ऊपरी जांघों में दर्द, सूजन, जी मिचलाना, और उल्टी जैसी समस्याएं होती हैं. लंबे समय तक खड़े रहने या भारी वजन उठाने पर पेट में दबाव पड़ने से भी दर्द हो सकता है. इसी वजह से नीरज को पिछले कई महीनों से काफी सारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

नीरज चोपड़ा के लिए सर्जरी है इलाज का एकमात्र विकल्प

सूत्रों की माने तो नीरज चोपड़ा ने इस बीमारी के बारे में पहले भी बताया था, कि उन्हें कमर में लगातार दर्द हो रहा है. उन्होंने 2022 की विश्व चैंपियनशिप के दौरान पहली बार अपनी चोट के बारे में बताया था. नीरज जल्द ही इस बीमारी का सर्जिकल उपचार कराने की योजना बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस चोट के बावजूद, उन्होंने 2022 में 89.94 मीटर तक भाला फेंका था, लेकिन यह उनके लिए बेहद चुनौतीपूर्ण रहा.

नीरज चोपड़ा का यह प्रदर्शन उनके संघर्ष और धैर्य का प्रमाण है. उनका प्रयास न केवल खेल प्रेमियों के लिए प्रेरणा है, बल्कि यह दिखाता है कि कठिनाइयों के बावजूद जीत का मार्ग हमेशा खुला रहता है.

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