टमाटर एक ऐसी चीज है जो सब्जी का स्वाद बढ़ाकर ,उसे अव्वल दर्जे का बना देती है.टमाटर किसी भी डिश में कई प्रकार के स्वाद जोड़ता है,इन स्वादों के संयोजन से, टमाटर किसी भी डिश में एक अनोखा और स्वादिष्ट स्वाद जोड़ता है.आज हम बात करने वाले ताड़वाले गांव महाराष्ट्र की जहां टमाटर की खेती एक प्रमुख व्यवसाय है और यहां के 90 फीसदी किसान टमाटर की पैदावार करते है.
महाराष्ट्र में टमाटर की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टियाँ
महाराष्ट्र में विभिन्न प्रकार की मिट्टियाँ पाई जाती हैं, जिनमें से कुछ टमाटर की खेती के लिए उपयुक्त हैं.जैसे,काली मिट्टी ( यह मिट्टी महाराष्ट्र के अधिकांश हिस्सों में पाई जाती है और टमाटर की खेती के लिए बहुत उपयुक्त है. इसमें जीवांश और पोषक तत्वों की अधिक मात्रा होती है),लाल मिट्टी ( यह मिट्टी महाराष्ट्र के पश्चिमी और मध्य हिस्सों में पाई जाती है और टमाटर की खेती के लिए उपयुक्त है.इसमें लोहे की अधिक मात्रा होती है.),दोमट मिट्टी और रेतीली मिट्टी जैसी,मिट्टियों में टमाटर की खेती के लिए आवश्यक पोषक तत्वों और जीवांश की मात्रा होती है, जो टमाटर की उपज और गुणवत्ता को बढ़ावा देती है.
अन्य राज्यों में टमाटर की पैदावार
मध्य प्रदेश दूसरा सबसे बड़ा टमाटर उत्पादक राज्य है, जो देश के कुल टमाटर उत्पादन का लगभग 20% हिस्सा प्रदान करता है,: कर्नाटक तीसरा सबसे बड़ा टमाटर उत्पादक राज्य है, जो देश के कुल टमाटर उत्पादन का लगभग 15% हिस्सा प्रदान करता है, उत्तर प्रदेश भी एक प्रमुख टमाटर उत्पादक राज्य है, जो देश के कुल टमाटर उत्पादन का लगभग 10% हिस्सा प्रदान करता है,और भी राज्य जैसे गुजरात एवं कर्नाटक लेकिन,महाराष्ट्र भारत का सबसे बड़ा टमाटर उत्पादक राज्य है, जो देश के कुल टमाटर उत्पादन का लगभग 35% हिस्सा प्रदान करता है.
ताड़वाले गांव और टमाटर की बिक्री
ताडवाले गांव जो की सतारा जिले महाराष्ट्र में पड़ता है भारत में टोमेटो विलेज के नाम से मशहूर है,गांव में टमाटर की बाहरी पैदावार होती है जिस वजह से मन की 80% जनसंख्या सिर्फ टमाटर की खेती करती है और बाकी फसलों के मुकाबले टमाटर की फसल जल्दी पक जाती है.जिससे उन्हें मुनाफा होता है ताड़वाले गांव के लोग हर वर्ष लगभग 15 करोड़ रुपए के टमाटर की बिक्री करते हैं.