Black Salt Rice
काला नमक धान उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ हिस्सों में उगाई जाने वाली एक विशेष प्रकार की धान है. इसका नाम इसके काले रंग के कारण पड़ा है, और यह अपने स्वाद और सुगंध के लिए प्रसिद्ध है. इस धान का स्वाद बासमती धान की तरह होता है, लेकिन इसकी सुगंध और भी ज्यादा होती है.
काला नमक धान की खेती मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर, महराजगंज, और बलरामपुर जिलों में की जाती है. यह धान पारंपरिक विधियों से उगाई जाती है, जिसमें किसान जैविक खाद और बिना रसायनिक उर्वरक का प्रयोग करते हैं. इस धान की खेती में कीटनाशकों का उपयोग नहीं किया जाता, जिससे यह धान पूरी तरह से प्राकृतिक और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है.
काला नमक धान की कीमत
काला नमक धान की खेती किसानों के लिए बहुत ही लाभकारी साबित हो रही है. इसकी मांग धीरे-धीरे बढ़ रही है, विशेषकर स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों के बीच. इसके उच्च पोषण मूल्य और औषधीय गुणों के कारण यह धान बाजार में ऊंचे दामों पर बिकती है. एक किलो काला नमक धान की कीमत 200 से 300 रुपये तक हो सकती है, जबकि सामान्य धान की कीमत 20 से 30 रुपये प्रति किलो होती है. काला नमक धान की खेती में मेहनत अधिक लगती है, लेकिन इसकी बिक्री से होने वाला मुनाफा भी बहुत अधिक होता है. इसके खेती में मुख्य ध्यान बीज की गुणवत्ता, पानी की सही मात्रा और समय पर फसल की कटाई पर देना होता है. इस धान की पैदावार के लिए एक निश्चित प्रकार की मिट्टी और जलवायु की आवश्यकता होती है, जो उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ हिस्सों में ही उपलब्ध है.
काला नमक धान की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार और विभिन्न संस्थाएं किसानों को प्रशिक्षण और सहायता प्रदान कर रही हैं. इससे किसान पारंपरिक खेती से हटकर इस विशेष धान की खेती की ओर बढ़ रहे हैं. यह धान न केवल किसानों की आमदनी बढ़ा रही है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बना रही है. काला नमक धान की खेती न केवल किसानों के लिए लाभकारी है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी अनुकूल है. इसकी खेती से किसानों को आर्थिक लाभ मिल रहा है और उपभोक्ताओं को स्वास्थ्यवर्धक भोजन. इस विशेष धान की बढ़ती मांग ने किसानों को जबरदस्त कमाई का साधन प्रदान किया है, जिससे वे अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर बना रहे हैं.