वाहनों की बिक्री में वृद्धि
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (एफएडीए) ने भारत में वाहनों की स्टॉक में वृद्धि पर चिंता जताई है। एफएडीए के अनुसार, जुलाई 2024 में वाहनों की स्टॉक में 30 दिनों से अधिक की वृद्धि हुई है, जो कि एक चिंताजनक स्थिति है.फेडरेशन ऑफ़ ऑटोमोबाइल एसोसिएशन और डीलर्स के अनुसार लोगों ने यात्री वाहनों में 10 प्रतिशत का उछाल देखा गया है लेकिन यात्री वाहनों की बिना बिक्री के वाहनों का स्टॉक बढ़कर 72 दिनों में बड़े स्तर पर पहुंच कर 73 ,000 हजार करोड़ के स्टॉक के बराबर पहुंच गई है .
इस बार का स्टॉक ,एक चिंतनीय समस्या
एफएडीए के अध्यक्ष ने कहा कि वाहनों की स्टॉक में वृद्धि से डीलरों के लिए वित्तीय संकट पैदा हो सकता है। उन्होंने कहा कि डीलरों को वाहनों की स्टॉक को नियंत्रित करने के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है.यह बात एक बड़ी चिंता पैदा करती है कि पिछले साल जुलाई 2023 में स्टॉक का स्तर केवल 50 से 55 दिन में49,833 करोड़ रुपए था वही इस साल 2 जुलाई 2024 में यह 62 से 67 दिनों में 60000 करोड़ का देखा गया
भारत में वाहनों की स्टॉक में वृद्धि के कारणों में मांग में कमी, उत्पादन में वृद्धि और आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान शामिल हैं। एफएडीए ने वाहन निर्माताओं और डीलरों से स्टॉक को नियंत्रित करने के लिए मिलकर काम करने की अपील की है.फाडा.के उपाध्यक्ष ने कहां की एक बाजार के रूप में हमने अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन स्टॉक अभी भी समस्या बना हुआ है जो कि आज तक के समय का सबसे अधिक है. पहले छोटी कारों के स्टॉक में भीड़ लगी थी लेकिन अब एसयूवी से लेकर सभी श्रेणियां की कारों में उछाल देखा गया है.
इस बार जुलाई में दोपहिया वाहन में 17% यात्री वाहनों में 10% तिपहिया वाहनों में 13% एवं वाणिज्य वाहनों में 6% की बिक्री में वृद्धि देखी गई है.
जिसकी वजह से खुदरा बिक्री में बड़ा इजाफा देखा गया है..एफएडीए की चिंता को देखते हुए, वाहन निर्माताओं और डीलरों को वाहनों की स्टॉक को नियंत्रित करने के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है.