तेहरान और तेल अवीव में तनाव बढ़ चुका है . अमेरिकी विदेश मंत्री और टीम लिंकन के चेतावनी के बाद मध्य पूर्व में चिंताजनक स्थिति हो गई है और ईरान के सेन कमांडर ने कहा है कि वह इजरायल के खिलाफ हमला करने के लिए तैयार है .बता दें कि अमेरिकी सेंट्रल कमांड के कमांडर माइकल कुर्ला मध्य पूर्व पहुंच गए हैं उनकी यात्रा के उद्देश्य क्षेत्र में तनाव को कम करना है लेकिन ईरान ने स्पष्ट किया है कि वह अपने अधिकारों की रक्षा के लिए हर कदम उठाएगा .

तनाव के ऊपर इजरायली प्रधानमंत्री का मत
इज़राइल के प्रधानमंत्री ने कहा, “ईरान का परमाणु कार्यक्रम एक बड़ा खतरा है, जो न केवल हमारे देश के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र और दुनिया के लिए भी खतरनाक है. हम ईरान के खिलाफ हमला करने के लिए तैयार हैं, .ईरान का परमाणु कार्यक्रम एक खतरनाक खेल है, जो हमारे क्षेत्र की स्थिरता को खतरे में डालता है. हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे और आवश्यक कदम उठाएंगे. हमारे पास मजबूत सेना है और हम अपने देश की रक्षा के लिए हर कदम उठाने को तैयार हैं.मैं दुनिया के नेताओं से अपील करता हूं कि वे ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए एकजुट हों .यह एक वैश्विक समस्या है और इसका समाधान वैश्विक प्रयासों से ही संभव है”.

संयुक्त राष्ट्र की भूमिका
संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता में एक अनोखी भूमिका यह हो सकती है कि वह ईरान और इज़राइल के बीच एक “शांति कार्यक्रम” की शुरुआत करे, जिसमें दोनों देशों के युवाओं को एक साथ लाया जाए और उन्हें साझा परियोजनाओं पर काम करने के लिए प्रेरित किया जाए। इस कार्यक्रम का उद्देश्य दोनों देशों के बीच एक नई पीढ़ी के नेताओं को तैयार करना होगा, जो अपने मतभेदों को भुलाकर साझा भविष्य की ओर देखें
लेकिन तनाव अभी भी बना हुआ है. मध्य पूर्व में तूफान की स्थिति बनी हुई है, और दुनिया की निगाहें इस पर टिकी हुई हैं.

ईरान इजरायल के बीच में तनाव के कारण
ईरान और इजरायल के बीच का विवाद पुराना एवं सांस्कृतिक टकराव है जो की एक दूसरे के अस्तित्व को न करने का हैईरान के लिए इसराइल एक गैर इस्लामी देश है जो मध्य पूर्व में इस्लाम की पहचान की लिए खतरा है दूसरी ओर इजरायल के लिए ईरान एक अस्थिर और आतंकवादी देश है जो कि इजरायल की सुरक्षा और उसके अस्तित्व के लिए एक खतरा है