केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-In) से रूसी हैकर समूह की ओर से उसकी वेबसाइट की कथित हैकिंग की जांच करने को कहा है। लेकिन बड़े-बड़े खुलासे करने वाली संस्था CloudSEK ने इस हमले को लेकर बड़ा दावा किया है. CloudSEK के विशेषज्ञों के मुताबिक रूसी हैकर्स के जिस ग्रुप ने साइबर अटैक को अंजाम दिया है, उसका नाम फीनिक्स है. संस्था ने यह भी दावा किया है कि हैकर वेबसाइट को टारगेट करने में सफल हुए हैं. हैकर्स के पास अब भारत के सभी अस्पतालों, कर्मचारियों और डॉक्टर्स का डेटा मौजूद है.
CERT-In से मांगी रिपोर्ट
घटना पर स्वास्थ्य मंत्रालय का बयान भी सामने आया है. मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि उन्होंने CERT-In को कथित हैकिंग की जांच करने के लिए कहा है, संस्था जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. एजेंसी के मुताबिक CERT-In एक नोडल एजेंसी है, जो कंप्यूटर सुरक्षा से जुड़ी घटनाओं पर एक्शन लेती है. यह एजेंसी सरकारी विभागों के साथ-साथ प्राइवेट बॉडी को भी इससे बचने और जवाबी कार्रवाई करने की सलाह मुहैया कराती है.
शक्ति मंत्रालय का ट्विटर हैंडल भी हुआ था हैक
ऐसे ही पिछले साल दिसंबर में केंद्र सरकार के जल शक्ति मंत्रालय का ट्विटर हैंडल हैक कर लिया गया था। हैकर्स ने मंत्रालय का ट्विटर हैंडल हैक कर लिया था। सिक्योरिटी एजेंसी और साइबर एक्सपर्ट ट्विटर हैंडल हैकिंग से जुड़ें मामले की जांच में जुट गए थे। वही पिछले साल दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के ई-हॉस्पिटल सर्वर पर बड़ा साइबर हमला हुआ था। विदेशी मुल्कों के हैकर्स द्वारा बड़े पैमाने पर एम्स का डेटा चुराने की खबरें आई थीं