बीते शनिवार को 26 लाख ट्रामाडोल की गोलियों को कस्टम विभाग द्वारा जब्त किया गया था. गोलियों को जब्त करने के बाद इसके ही निर्यातक से जुड़े एक और बिल की जांच पड़ताल की गई जिसमें और भी ट्रामाडोल की गोलियां मिली. अनुमान के अनुसार लगभग 110 करोड़ की ट्रामाडोल जब्त की गई.
बहुत बड़े पैमाने पर मिली ट्रामाडोल हाइड्रोक्लोराइड टेबलेट
कस्टम विभाग द्वारा गुजरात में स्थित कच्छ मुद्रा सीमा पर 68 लाख ट्रामाडोल टेबलेट जब्त की गई है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगभग 110 करोड रुपए की कीमत वाली यह ट्रामाडोल टेबलेट शनिवार को जब्त की गई थी. गोलियों को जब्त करने के बाद इसके एक्सपोर्ट से जुड़ी एक शिपिंग बिल की जांच की गई जो रविवार को पूरी हुई. और जानकारी दी गई कि इस जांच में ट्रामाडोल हाइड्रोक्लोराइड टेबलेट 225 मिलीग्राम बहुत बड़े पैमाने पर मिली है.
68 लाख की मात्रा में जप्त हो चुकी है ट्रामाडोल की गोलियां
दरअसल बाद में जांच के दौरान मिली दवा की पट्टियां पहले पाई गई पट्टियों से अलग तरीके की थी. और इसमें निर्माता के बारे में भी कोई जानकारी नहीं मिली थी. अहमदाबाद में स्थित एक गोदाम में भी ट्रामाडोल की कुछ गुड़िया मिली है जानकारी के अनुसार यह गोदाम खाली पड़ा था. फिलहाल मामले की जांच अभी भी की जा रही है. अभी तक 68 लाख की मात्रा में ट्रामाडोल की गोलियां जब्त की जा चुकी है. इन 68 लाख गोलियों की अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगभग 110 करोड़ रुपए तक की कीमत बताई जा रही है. शनिवार को की गई जांच में 26 लाख और रविवार को लगभग 42 लाख गोलियां पाई गई है.
ट्रामाडोल पर भारत सरकार द्वारा लगा हुआ है प्रतिबंध
ट्रामाडोल टैबलेट को भारत सरकार ने एनडीपीएस अधिनियम की धारा 8 सी के तहत देश में प्रबंध कर रखा है. 2018 में एक मानोदैहिक पदार्थ के रूप में एनडीपीएस अधिनियम के तहत इसे अधिसूचित किया गया. हाल ही में आतंकवादी संगठन आईएसआईएस द्वारा ट्रामाडोल की गोलियों का इस्तेमाल लंबे समय तक जागते रहने के लिए करने की जानकारी भी प्राप्त हुई है जिसकी वजह से इसे लड़ाकू दवा के रूप में भी अब जाना जा रहा है.
इन दवाइयों की मांग नाइजीरिया और घना जैसे अफ्रीकी देशों में अधिक रूप से देखने को मिली है. कच्छ मुद्रा सीमा शुल्क के जरिए की गई ट्रामाडोल की जब्ती एनडीपीएस अधिनियम के तहत अधिसूचित होने के बाद सबसे बड़ी जब्ती में से एक है. इस मामले की जांच कस्टम विभाग द्वारा अभी भी की जा रही है.