काठमांडू नेपाल में शुक्रवार को भूस्खलन के कारण 2 बसे बह गई और उफनती नदी में गिर गई जिसके बाद सात भारतीय नागरिकों सहित कम से कम 65 लोग लापता बताए जा रहे हैं.
कुछ न्यूज़ पोर्टल के अधिकारियों के हवाले से बताया कि चितवन जिले के नारायण घाट मुगलिंग रोड के किनारे सिमलताल इलाके में भूस्खलन के कारण 65 यात्रियों को ले जा रही दो बसें त्रिशूली नदी में लापता हो गई .चितवन के मुख्य जिला अधिकारी इंद्रदेव यादव ने घटना की पुष्टि की है .
तीन यात्री कूद कर भागने में सफल
यादव के मुताबिक राजधानी से गौर जा रही काठमांडू जाने वाली एंजेल बस और गणपति डीलक्स सुबह करीब 3:30 बजे दुर्घटनाग्रस्त हो गई. पुलिस ने बताया कि काठमांडू जा रही बस में 24 लोग सवार थे और गौर जा रही बस में 41 लोग सवार थे. काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार गणपति डीलक्स बस में सवार तीन यात्री वहां से कूद कर भागने में सफल रहे एंजेल डीलक्स पर बीरगंज से काठमांडू तक यात्रा करने वाले 21 यात्रियों का विवरण प्राप्त हुआ है. कुछ रिपोर्ट के मुताबिक, ताजा जानकारी के मुताबिक पुलिस ने कहा है कि बस में सवार यात्रियों में साथ भारतीय नागरिक थे.
यादव जी ने यह भी कहा कि बचाव कर्मियों ने भूस्खलन के मलबे को हटाना शुरू कर दिया है.
प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने के लापता होने पर किया दुख व्यक्त
प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने त्रिशूली नदी में बस के लापता होने पर दुख व्यक्त करते हुए तत्काल खोज एवं बचाव अभियान के निर्देश जारी किए हैं वह कहते हैं मैं देश के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ और भूस्खलन के कारण लगभग पांच दर्जन यात्रियों की मौत और संपत्ति के नुकसान से बहुत दुखी हूं. जब नारायणगढ़ मुगलिन सड़क खंड पर भूस्खलन से एक बस बह गई मैं सभी एजेंसियों को निर्देश देता हूं. प्रचंड ने एक पर पोस्ट किया ग्रह प्रशासन सहित सरकार यात्रियों की खोज करने और उन्हें प्रभावी ढंग से बचने के लिए कार्य कर रही है प्रधानमंत्री ने देश के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ और भूस्खलन के कारण जान माल के नुकसान पर भी दुख व्यक्त किया. उन्होंने नागरिकों से आवश्यक सावधानी बरतने का आग्रह किया पुलिस अधीक्षक भावेश श्रीमाल ने कहा कि नेपाल पुलिस और सशस्त्र पुलिस बल के जवान बचाव अभियान के लिए घटनास्थलों की और जा रहे हैं.
नारायण घाट मुगलिंग सड़क खंड पर यातायात पारित
विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन से आए मलबे ने नारायण घाट मुगलिंग सड़क खंड पर यातायात पारित कर दिया है. इस बीच एक अलग घटना में गुरुवार को कास्की जिले में लगातार बारिश के कारण हुए भूस्खलन और बाढ़ में काम से कम 11 लोगों की मौत हो गई मानसूनी आपदाओं के कारण एक दशक में 1800 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है इस दौरान इस आपदा में लगभग 400 लोग लापता हो गए और 1500 से अधिक लोग घायल हो गए हैं.