देशभर में 15 प्रतिशत लोगों को किडनी से सम्बंधित कोई ना कोई बिमारी है.जहां हर साल 1 लाख लोगों में से 10 लोगों की दोनो किडनी खराब हो जाती है.साल भर में 8 से 10 हजार लोगों को किडनी ट्रांसप्लांट कराने की जरूरत होती है और ऐसे भी लोग है जो सही ईलाज ना मिलने पर मौत की चपेट में आ जाते है.
हमारे बॉडी में बीन्स की आकृति में किडनीस मौजूद होती है.जो पसलियों में स्थित है.हमारे शरीर में दो किडनी होती है दोनो समान काम करती है अगर इनमें से एक किडनी खराब हो जाए तो इंसान एक किडनी के बेस पर भी जिंदा रह सकता है लेकिन उस एक किडनी का सही से काम करना बहुत जरूरी होता है.
किडनी का काम हमारी बॉडी में खून साफ करने और अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने का होता है इसके साथ ही किडनी ब्लड प्रेशर को रेगुलेट और पीएच लेवल को मेंटेन करने में मददगार होती है.अगर हमारे शरीर में अपशिष्ट पदार्थों नही निकलेगें तो हमारी बॉडी में बीमारियां पनपने लगती है और इसका ईलाज ना कराने पर जान तक जा सकती है.
जानें क्या है ये किडनी फेलियर?
जब किसी व्यक्ति की एक या दोनों किडनी खराब हो जाए तो उसे किडनी फेलियर कहते है.कई बार ये बिमारी कम समय के लिए होती है लेकिन ज्यादातर ये लंबे समय तक चलने वाली समस्या है.जो वक्त के साथ बद से बत्तर होती चली जाती है.
क्या दोनो किडनी के खराब होने पर भी बच सकती है जान?
शरीर का कोई भी अंग खराब या फेल होने की तुलना में किडनी फेलियर के मरीजों को बचाया जा सकता है. इसमें डायलिसिस या ट्रांसप्लांट की सहायता से मरीज की बचाते है. अगर व्यक्ति जवान है तो उसे ट्रांसप्लांट के जरिए बचाया जाता है वहीं मरीज अगर उम्रदराज है तो उसे डायलिसिस के दौरान बचाया जाता है.