प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को सदन के नेता के तौर पर नियुक्त किया है. जेपी नड्डा से पहले सदन के नेता पीयूष गोयल थे, जो अब लोकसभा के सदस्य बन गए हैं.
पीयूष गोयल बने लोकसभा सदस्य
तीसरी बार केंद्र सरकार में आई मोदी सरकार ने बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा को इस बार बहुत बड़ी जिम्मेदारी मिली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जेपी नड्डा को राज्यसभा सदन के नेता का पद सौंपा है. इससे पहले केंद्र सरकार में रही मोदी सरकार ने पीयूष गोयल की राज्यसभा सदन के नेता के तौर पर नियुक्ति की थी जो जेपी नड्डा की नियुक्ति के बाद अब लोकसभा के सदस्य बन गए हैं. 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में पीयूष गोयल ने मुंबई उत्तर सीट से जीत हासिल की.
तीसरी बार केंद्र में आई मोदी सरकार ने जेपी नड्डा को पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री बनाया था और अब उन्हें राज्यसभा सदन के नेता का भार सौंप दिया गया है. 2012 में जेपी नड्डा पहली बार राज्यसभा के सदस्य बने थे, फिर 2018 में दूसरी बार और अब 2024 के अप्रैल मैं उन्हें तीसरी बार राज्यसभा के लिए चुना गया.
सदन का नेता कौन बनता है?
सदन के नेता का पद एक अहम पद है जो राज्यसभा के सभापति और उपसभापति के बाद आता है. राज्यसभा के सदन का नेता वैसे तो प्रधानमंत्री होता है पर प्रधानमंत्री राज्यसभा का सदस्य होना चाहिए. अगर वह इस सदन के सदस्य नहीं है ,तो फिर प्रधानमंत्री किसी नेता को चुनकर सदन के नेता का पद दे सकते हैं.
क्या होती है सैलरी और मिलते हैं कितने अलाउंसेस ?
सैलरी और अलाउंस मेंबर ऑफ़ पार्लियामेंट 1954 एक्ट के अनुसार राज्यसभा सांसद को 2,30,000 रुपए महीने मिलते हैं. जिसमें से लगभग 100000 इनकी नॉर्मल सैलरी और 60 और 70 हजार रुपए ऑफिस खर्च और निर्वाचन भत्ते के लिए मिलते हैं. संसद सत्र के दौरान हर दिन इन्हें 2 हजार रूपए भत्ते के रूप में दिए जाते हैं. इसके साथ-साथ ट्रैवलिंग एलाउंस पानी बिजली फ्री जैसी बहुत सी सुविधाएं राज्यसभा सांसद को मिलती हैं.