हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि के दिन रंग पंचमी पर्व मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आज इस शुभ अवसर पर देवतागण रंगों के महा उत्सव होली को खेलने के लिए धरती लोक पर आते हैं। यही कारण है कि इस दिन आसमान में रंग उड़ाया जाता है। साथ ही भगवान श्रीकृष्ण एवं राधाजी की पूजा की जाती है।
रंग पंचमी पर ये उपाय।
इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। उन्हें सफेद मिठाई यथा मावे की बर्फी, खीर, बताशा अथवा अन्य चीजों का भोग लगाया जाता है। साथ ही श्रीसूक्त व लक्ष्मी सूक्त का पाठ किया जाता है। इस उपाय से परिवार के सभी सदस्यों की तरक्की होती है।
शास्त्रों के अनुसार रंग पंचमी दैवीय शक्ति का प्रभाव तेज होता है, इसलिए आसमान में अलग-अलग रंग उड़ाए जाते हैं. वातारवरण में इक्टठा हुए शक्ति के कण नकारात्मक शक्ति से लड़ते हैं. इससे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
रंग पंचमी पर मां लक्ष्मी को गुलाबी रंग का गुलाल अर्पित करें और फिर कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें. कहते हैं इससे देवी लक्ष्मी घर में वास करती हैं और धन की कमी दूर होती है.
शादीशुदा महिलाओं को रंग पंचमी के दिन माता पार्वती को श्रृंगार का सामान अर्पित करना चाहिए. ऐसा करने से पति पर आने वाली सभी प्रकार की परेशानियां दूर होती हैं और सौभाग्य बना रहता है.
रंग पंचमी पर सुबह पूजा करने के बाद एक पीले कपड़े में सूखी हल्दी की पांच गांठें एवं एक सिक्का बांधकर घर के मंदिर में रख दें। इसके बाद देसी घी का दीपक जलाएं। जब दीपक शांत हो जाए तब उस कपड़े की पोटली को हल्दी और सिक्के सहित घर की तिजोरी में रख दें। ऐसा करने से उस घर में लक्ष्मी का स्थाई वास हो जाता है।
आज के दिन भगवान की उपासना करें और असमान में रंग व फूल उड़ाएं, मान्यता अनुसार ऐसा करने से सभी नकारात्मक शक्तियों का नाश हो जाता है और जीवन में धन-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कनकधार स्तोत्र और लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें। इसके साथ आज के दिन भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी को पीले रंग का वस्त्र अर्पित करें। मान्यता है कि इस उपाय को करने से धन-समृद्धि की प्राप्ति होती है और साधक की सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती हैं।