नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी ने सोमवार को कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) में कथित अनियमितताओं से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में जारी प्रवर्तन निदेशालय के समन में शामिल नहीं हुए.
धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 50 के तहत शनिवार को उन्हें समन जारी किया गया था, जिसमें मुख्यमंत्री को आज पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश होने के लिए कहा गया था.
आम आदमी पार्टी के एक प्रतिनिधि ने कहा कि चूंकि राउज एवेन्यू कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कई समन जारी न करने की शिकायतों के सिलसिले में केजरीवाल को जमानत दे दी है, तो एजेंसी अब भी उन्हें समन क्यों भेज रही है? पार्टी ने एजेंसी के समन को भी अवैध बताया है.
केजरीवाल के खिलाफ मामला
डीजेबी मामले में, जांच एजेंसी ने दावा किया है कि दिल्ली सरकार के विभाग द्वारा दिए गए एक अनुबंध में भ्रष्टाचार के माध्यम से प्राप्त धन को कथित तौर पर आम आदमी पार्टी (आप) को चुनावी धन के रूप में भेजा गया था.
फरवरी में, ईडी ने इस जांच के तहत केजरीवाल के निजी सहायक, AAP के एक राज्यसभा सांसद, एक पूर्व डीजेबी सदस्य, एक चार्टर्ड अकाउंटेंट और अन्य के आवासों पर छापेमारी की. ईडी का मामला सीबीआई एफआईआर पर आधारित है, जिसमें एक कंपनी एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को 38 करोड़ रुपये की राशि के लिए दिए गए डीजेबी अनुबंध में अनियमितताओं का आरोप लगाया गया है, भले ही कंपनी तकनीकी पात्रता मानदंडों को पूरा नहीं करती.