नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत उनके खिलाफ चल रही जांच के संबंध में मीडिया को जानकारी “लीक” नहीं करने का निर्देश देने की मांग की गई थी. पूर्व लोकसभा सांसद ने मीडिया को कथित फेमा उल्लंघन मामले पर “असत्यापित जानकारी” रिपोर्ट करने से रोकने की मांग की थी.
कोर्ट में सुनवाई
महुआ मोइत्रा की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने गुरुवार को उनसे कहा, आप एक सार्वजनिक हस्ती हैं और जो कुछ भी प्रकाशित हो रहा है वो एक खबर है.
महुआ मोइत्रा के वकील ने अदालत को बताया कि जांच एजेंसी द्वारा उन्हें जारी किए गए समन की जानकारी उन्हें मिलने से पहले ही मीडिया ने प्रकाशित कर दी थी. वकील के हवाले से कहा, अगर ऐसी जानकारी प्रेस विज्ञप्ति का परिणाम नहीं है, तो ईडी संवेदनशील और गोपनीय जानकारी टपका रहा है.
मोइत्रा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील रेबेका जॉन ने कहा कि वह किसी भी जांच करने के एजेंसी के अधिकार के खिलाफ नहीं हैं लेकिन इस तरह के मीडिया लीक उनके लिए प्रतिकूल हैं. महुआ मोइत्रा ने ईडी को चल रही जांच के संबंध में प्रिंट/इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में किसी भी गोपनीय, संवेदनशील, असत्यापित/अपुष्ट जानकारी सहित किसी भी जानकारी को लीक करने से रोकने के लिए अदालत से निर्देश मांगा.
ईडी के वकील ने कहा कि उसकी ओर से कोई रिलीज या “लीक” नहीं हुई है. ईडी इस मामले में कुछ अन्य विदेशी प्रेषणों और धन के हस्तांतरण के अलावा एक अनिवासी बाहरी (एनआरई) खाते से जुड़े लेनदेन की जांच कर रहा है.
सूत्रों ने इंडिया टुडे टीवी को बताया कि जांच एजेंसी ने महुआ मोइत्रा को 19 फरवरी को पेश नहीं होने के बाद नया समन जारी किया. सूत्रों ने बताया कि मोइत्रा ने ईडी से तीन सप्ताह का समय मांगा. उन्हें अगले सप्ताह दिल्ली में केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा गया था.