नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पार्टी की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि सोनिया गांधी एक “सुपर पीएम” के रूप में काम करती हैं, जिनका नेतृत्व यूपीए शासन के दौरान आर्थिक कुप्रबंधन के मूल में था. भारतीय अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र के संबंध में लोकसभा में चर्चा का जवाब देते हुए, सीतारमण ने इस बात पर जोर दिया कि दस्तावेज़ की सामग्री निराधार आरोपों से रहित, सबूतों द्वारा प्रमाणित है.
सीतारमण ने राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने और परियोजनाओं के लिए पर्यावरण मंजूरी में देरी के लिए कांग्रेस की निंदा की और इन मुद्दों को नेतृत्व की विफलता के लिए जिम्मेदार ठहराया.
यूपीए के कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार से प्रेरित 10 साल की सरकार के केंद्र में नेतृत्व था. यूपीए काल के दौरान केंद्रीय समस्या बिंदु एक दिशाहीन और नेतृत्वहीन सरकार थी. एनएसी की अध्यक्ष के रूप में सोनिया गांधी ने ‘सुपर प्राइम मिनिस्टर’ के रूप में काम किया. एनएसी के पास गैर-जिम्मेदार और असंवैधानिक शक्तियां थीं. फाइलें मंजूरी के लिए ऐसी गैरजिम्मेदार और निरुत्तर संस्था के पास क्यों गईं? सीतारमण ने ये सभी बातें पूछी.
उन्होंने कहा कि आंदोलन जीवी जो एनएसी के सदस्य थे, भोजन का अधिकार और सूचना का अधिकार सहित कानून तैयार करते थे.
क्या यह संसद सदस्यों को स्वीकार्य होना चाहिए? जब डॉ. मनमोहन सिंह दौरे पर थे, तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अध्यादेश फाड़ दिया. क्या यह देश के प्रधानमंत्री का अपमान नहीं था? उन्होंने (राहुल गांधी) अपने ही प्रधानमंत्री की परवाह नहीं की. सीतारमण ने यह भी कहा कि यूपीए सरकार के तहत रक्षा क्षेत्र में घोर कुप्रबंधन था और इसका मुख्य आकर्षण 3,600 करोड़ रुपये का अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला था.
गोला-बारूद और रक्षा उपकरणों की गंभीर कमी 2014 की मुख्य विशेषता थी जब हमें अर्थव्यवस्था विरासत में मिली थी. हमारे जवानों के लिए बुलेट प्रूफ जैकेट उपलब्ध नहीं थे. रात्रि दृष्टि चश्मा उपलब्ध नहीं थे, आगे उन्होंने कहा कि यूपीए कार्यकाल के दौरान जयंती टैक्स ने परियोजनाओं के लिए पर्यावरण मंजूरी में एक साल तक की देरी की.
2011 और 2014 के बीच परियोजनाओं को मंजूरी देने का औसत समय 86 दिनों से बढ़कर 316 दिन हो गया. उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के 10 वर्षों के समर्पित प्रयासों ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर ला दिया है.
हमने सभी कुशासन में सुधार किया
हमने सभी कुशासन को सुधारा, और सुधारों पर ध्यान केंद्रित किया. सीतारमण ने कहा यह भी कहा कि परियोजनाओं के लिए औसत पर्यावरण मंजूरी का समय घटकर 70 दिन हो गया है. मंत्री ने कहा कि संप्रग कार्यकाल के दौरान हर साल औसतन एक बड़ा भ्रष्टाचार हुआ और आम लोगों का मोहभंग हुआ.
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए रक्षा बजट को दोगुना से अधिक बढ़ाकर 6.22 लाख करोड़ रुपये कर दिया है, जो 2013-14 में 2.53 लाख करोड़ रुपये था. सदस्यों के इस आरोप का जवाब देते हुए कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एक सरकारी उपकरण बन गया है. सीतारमण ने कहा कि मोदी सरकार के तहत ईडी को धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत मामलों को आगे बढ़ाने के लिए स्वतंत्रता दी गई है।