नई दिल्ली: भारत के चुनाव आयोग (ECI) ने अजीत पवार के नेतृत्व वाले गुट को वास्तविक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के रूप में मान्यता अब खुले तौर पर दे दी है और उन्हें आगामी लोकसभा चुनावों से पहले NCP का “घड़ी” चिन्ह प्रदान किया है.
लगभग छह महीने से ज्यादा समय से चल रही 10 से अधिक सुनवाई के बाद अब चुनाव आयोग ने अजीत पवार के नेतृत्व वाले गुट के पक्ष में फैसला सुना दिया है, जिसके बाद शरद पवार गुट को एक बड़ा झटका मिला है.
चुनाव आयोग ने कहा कि विधायी बहुमत के हिसाब से विवादित आंतरिक संगठनात्मक चुनावों के मद्देनजर अजीत पवार गुट को एनसीपी का चुनाव चिन्ह हासिल करने में मदद की. बता दें शरद पवार को अपने नए राजनीतिक गठन के लिए एक नाम का दावा करने और 7 फरवरी को दोपहर 3 बजे तक आयोग को तीन प्राथमिकताएं प्रदान करने का एक बार का विकल्प भी प्रदान किया था. अजित पवार पिछले साल जुलाई में एनसीपी के अधिकांश विधायकों के साथ चले गए थे और महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली भाजपा-शिवसेना सरकार का समर्थन किया था.
अजित पवार गुट की बड़ी जीती
आयोग ने दोनों गुटों द्वारा दायर समर्थन के हलफनामों की जांच की और निष्कर्ष निकाला कि अजीत पवार के नेतृत्व वाले समूह को विधायकों के बीच बहुमत का समर्थन प्राप्त है. जिसके बाद कोर्ट ने यह फैसला किया.
सारी बातों को समझते हुए चुनाव आयोग का मानना है कि याचिकाकर्ता, श्री के नेतृत्व वाला गुट, अजीत अनंतराव पवार, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) हैं और चुनाव चिह्न (आरक्षण और आवंटन) आदेश, 1968 के प्रयोजनों के लिए अपने नाम और आरक्षित प्रतीक “घड़ी” का उपयोग करने के हकदार हैं. चुनाव आयोग द्वारा सभी बातों को सपष्ट और पूरी पड़ताल करने के बाद ही यह फैसला सुनकर चुनाव चिन्ह दिया गया है.