जहां अपनी रणनीति और विकास के नाम पर हर जगह सरकार बनाने वाली बीजेपी अब मध्यप्रदेश में छिंदवाड़ा को भी घेरने की तैयारी में लगी हुई है। हालांकि देखा जाए तो मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की सरकार 15 महीने टिक्की लेकिन वही उनके बेटे नकुल नाथ लगातार सांसद के रूप में काम कर रहे हैं खबर यह भी है की मध्य प्रदेश में बीजेपी इस बार कमलनाथ को उनके गढ़ छिंदवाड़ा में घेरने की तैयारी में है. छिंदवाड़ा कमलनाथ का अभेद गढ़ बन चुका है. सिर्फ एक बार को छोड़कर वो लगातार इस सीट से सांसद और अब विधायक का चुनाव जीतकर आए हैं. उनकी जगह अब बेटा नकुलनाथ सांसद है. 2019 के आम चुनाव में कांग्रेस प्रदेश की 29 में से सिर्फ यही एकमात्र लोकसभा सीट बचा पायी है. इसलिए इस बार बीजेपी की नजर छिंदवाड़ा पर है. वो कांग्रेस से ये एकमात्र सीट भी छीनने की तैयारी में है. इसके लिए अभी से नाकाबंदी शुरू की जा रही है. शुरुआत पार्टी के दिग्गज अमित शाह के दौरे से की जा रही है.
छिंदवाड़ा भी छीनने की रणनीति
कमलनाथ को उनके गढ़ में घेरने की तैयारी, आ रहे हैं अमित शाह, इस बार छिंदवाड़ा भी छीनने की रणनीति
: गृहमंत्री अमित शाह 19 मार्च को छिंदवाड़ा आ रहे हैं. उनका ये दौरा छिंदवाड़ा सहित आसपास के अन्य जिलों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है. छिंदवाड़ा से सटे बैतूल, हरदा और महाकौशल के मंडला, डिंडोरी में आदिवासी वोटर्स की संख्या बहुत अधिक है. पिछले विधानसभा चुनाव में अंचल की अधिकांश सीटों पर कांग्रेस जीती थी. 6 माह बाद हुए यही कारण है कि आदिवासी वोट बैंक को साधने के लिए एक यह बीजेपी का बड़ा दौरा माना जा सकता है.
गृहमंत्री आयेंगे छिंदवाड़ा।
गृहमंत्री अमित शाह 19 मार्च को छिंदवाड़ा आ रहे हैं. उनका ये दौरा छिंदवाड़ा सहित आसपास के अन्य जिलों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है. छिंदवाड़ा से सटे बैतूल, हरदा और महाकौशल के मंडला, डिंडोरी में आदिवासी वोटर्स की संख्या बहुत अधिक है. पिछले विधानसभा चुनाव में अंचल की अधिकांश सीटों पर कांग्रेस जीती थी. 6 माह बाद हुए यही कारण है कि आदिवासी वोट बैंक को साधने के लिए एक यह बीजेपी का बड़ा दौरा माना जा सकता है.
छिंदवाड़ा पर फोकस
मध्य प्रदेश मैं जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आता जा रहा है. बड़े नेताओं के दौरे बढ़ते जा रहे हैं. कई बड़े नेताओं की यहां पर आने की तैयारियां चल रही है। बीजेपी ऐलान कर रही है कि विकास के नाम पर मध्यप्रदेश में एक बार वह फिर से सरकार बनाएंगे और आम जनता उनके साथ है कांग्रेस को हमेशा कहने वाली बीजेपी आप कांग्रेस के गढ़ को भी अपनी सरकार के अधीन में लाना चाहती हैं
बीजेपी का इस बार सबसे अधिक फोकस उन इलाकों पर है जो लंबे समय से कांग्रेस के पास हैं या 2018 में बीजेपी को हार मिली है. इनमें छिंदवाड़ा कांग्रेस का अभेद्य किला बन चुका है. इसलिए बीजेपी इस सीट को भी झटकने के लिए बेताब है. राजनीति के चाणक्य माने जाने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पीसीसी चीफ कमलनाथ के गढ़ में हुंकार भरने आ रहे हैं.
आदिवासी वोटर्स पर नजर
अकेले छिंदवाड़ा में 8 लाख से अधिक आदिवासी वोटर हैं जिन्हें अपने पाले में लाने के लिए भाजपा लगातार प्रयास कर रही है. छिंदवाड़ा की अमरवाड़ा, जुन्नारदेव और पढुर्णा एसटी वर्ग के लिए आरक्षित हैं. इन सीटों पर अभी कांग्रेस का कब्जा है. ऐसे में अमित शाह का दौरा बेहद खास माना जा रहा है क्योंकि 23 में मध्यप्रदेश विधानसभा और 24 में लोकसभा चुनाव हैं. ऐसे में प्रदेश के आदिवासी वोटों को साधने का प्रयास लगातार बीजेपी कर रही है. इसके पहले भी अमित शाह जबलपुर में शंकर शाह रघुनाथ शाह के कार्यक्रम में पहुंचे थे. कुछ दिन पहले ही सतना में कोल आदिवासी समाज को साधने की दृष्टि से शबरी जयंती के कार्यक्रम में मध्य प्रदेश दौरे पर आए थे.
गृह मंत्री का कार्यक्रम
अमित शाह का दौरा मध्य प्रदेश में लगता ही रह पाए लेकिन यह दौरा कुछ खास माना जा रहा है कई राजनीतिक समीकरण बदलने की भी संभावना बताई जा रही है।केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का ये दौरा छिंदवाड़ा सहित आसपास के अन्य जिलों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि छिंदवाड़ा से सटे बैतूल, हरदा और महाकौशल के मंडला डिंडोरी में आदिवासी वोटर्स की संख्या बहुत अधिक है. पिछले चुनाव में अंचल की अधिकांश सीटों पर कांग्रेस जीती थी. यही कारण है कि आदिवासी वोट बैंक को साधने के लिए यह बीजेपी का बड़ा दौरा माना जा सकता है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अपने दौरे के दौरान छिंदवाड़ा के तीतरा गांव भी जाएंगे. वहां वह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बादल भोई की जन्मस्थली पर श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगे. छिंदवाड़ा पुलिस परेड ग्राउंड में एक बैठक होगी. उसमें संगठन से जुड़े बड़े नेताओं से फीडबैक लेंगे. साथ ही सभा को सम्बोधित करेंगे.
कांग्रेस के हालात हैं खराब
कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा मध्यप्रदेश से गुजरी थी. करीब 18 दिनों तक इस यात्रा में अपार जनसमूह भी देखने को मिला था. इसके बावजूद पार्टी को आगामी विधानसभा चुनाव में महज 54 सीट ही मिलने की संभावना जताई जा रही है. कांग्रेस विधायक ने आंतरिक सर्वे के हवाले से यह दावा किया है.
मध्य प्रदेश में लोकसभा कुल 29 सीटें हैं जिसमें से भारतीय जनता पार्टी के पास ज्यादातर सीटें आई हैं 14 सीटें ऐसी है जिस पर कांग्रेस जीत ही नहीं पाई बल्कि वही भारतीय जनता पार्टी सिर्फ 2 सीटों पर नहीं जीत पाई है इसमें छिंदवाड़ा की भी एक सीट को माना जाता है।। अब देखना यह होगा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में क्या कांग्रेस अपना परचम लहराएगी या बीजेपी जीत जाएगी