एक तरफ जहां पूरी दुनिया में एक बार फिर करुणा का संभावित खतरा है तो वहीं H3N2 वायरस ने आमजन व स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है पिछले कुछ दिनों में भारत में भी इस वायरस के कई मरीज मिले हैं जो कि स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ाने वाले ही इस बीमारी की दस्तक से स्वास्थ्य विभाग और आम जनता में चिंता बढ़ने लगी है हालांकि है अभी कंट्रोल में है
देश में बड़ी तेजी से इन्फ्लूएंजा वायरस के मामले बढ़ रहे हैं. इसके कई मामलों में लोगों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ रहा है. आइये जानते हैं कि इन्फ्लूएंजा वायरस का तेजी से बढ़ने का कारण, लक्षण और बचने के उपाय
बार-बार आंख, नाक या मुंह को छूने से बचें.
छींक और खांसी आए तो मुंह और नाक ढक लें.
पिछले कुछ दिनों में भारत में फ्लू के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली है. जिसमें अधिकतर लोगों में सर्दी, खांसी और हल्के बुखार के लक्षण देखने को मिल रहे हैं. जिससे ठीक होने के लिए लोग डॉक्टर से परामर्श किए बिना ही एंटीबायोटिक टेबलेट लेने के लिए मेडिकल स्टोर पर जा रहे हैं. जिसको लेकर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) डॉक्टर से परामर्श लिए बिना एंटीबायोटिक टेबलेट ना लेने की सलाह दी है. दरअसल हाल में H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस के लक्षण देखने को मिले है.
इन्फ्लुएंजा फ्लू वायरस के लक्षण
ICMR ने इन्फ्लुएंजा फ्लू वायरस होने के पीछे का कारण बताया है. जिसके मुताबिक इन्फ्लुएंजा फ्लू वायरस ए, बी और सी के कारण होता है. इन्फ्लुएंजा फ्लू वायरस में बुखार, ठंड लगना, गले में खराश, खांसी, नाक बहना और छींक आना, थकान और शरीर में दर्द जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं. इसका सबसे आम लक्षण लगातार खांसी का आना है. ये खांसी लंबे समय तक खांसी वायु प्रदूषण के कारण हो सकती है जो श्वसन प्रतिरक्षा को कम करती है. इसके साथ ही इसमें सांस लेने में तकलीफ भी होती है.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कहा है कि फ्लू की वजह से आया बुखार तीन दिनों के बाद खत्म हो जाता है लेकिन खांसी तीन सप्ताह तक बनी रह सकती है. लोगों को सलाह दी गई है कि एंटीबायोटिक दवाओं के अंधाधुंध उपयोग से बचें.
क्या हैं लक्षण
लक्षण आमतौर पर वायरस के संपर्क में आने के एक से चार दिन बाद दिखाई देते हैं, और वे पांच से सात दिनों तक रहते हैं। जिन लोगों को फ्लू का टीका लग चुका है, उनके लक्षण कम समय तक बने रह सकते हैं, या कम गंभीर हो सकते हैं। अन्य लोगों के लिए, लक्षण लंबे समय तक रह सकते हैं।
वायरस से बचने के लिए करें ये उपाय
फ्लू होने से बचने के लिए डॉ. खिलनानी ने बताया कि जिन लोगों में संक्रमण के लक्षण हों तो उनके निकट संपर्क से बचें.
जो लोग इससे संक्रमित हुए हो वो घर पर रहें और आराम करें.
जब भी छींक और खांसी आए तो मुंह और नाक ढक लें.
हमेशा हाथों की साफ-सफाई का ध्यान रखें.
बार-बार आंख, नाक या मुंह को छूने से बचें.
शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाले उपाय करें.
इन लोगों का खतरा अधिक
डॉक्टर के मुताबिक इन्फ्लुएंजा फ्लू वायरस में 102-103 डिग्री तक का बुखार हो सकता है. जिसके चलते आपको अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है. साथ ही शरीर में दर्द और अन्य सांस से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. वैसे तो इन्फ्लुएंजा-ए में आमतौर पर अपने आप कुछ दिनों में ठीक हो जाता है, इसके लिए अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं होती है. लेकिन बढ़ते तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण बीमारी के गंभीर रूप लेने का जोखिम बना हुआ है।।.
दिल्ली बड़ा खतरा
दिल्ली एनसीआर के लोग पिछले कुछ समय से बुखार और खांसी से लगातार जूझ रहे हैं खासकर दिल्ली में यह तकलीफ ज्यादा आ रही है बच्चों बुजुर्गों में तकलीफ ज्यादा देखने को मिल रही है इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की रिपोर्ट कहती है कि दिल्ली-एनसीआर के निवासी किसी सामान्य बुखार से पीड़ित नहीं है बल्कि एंटीवायरस है जिसमें बड़ी आबादी को अपनी चपेट में ले लिया है दो-तीन महीनों से फैल रही सर्दी खासी बुखार का कारण एक तरीका कहा है कि खांसी सर्दी और मौसमी बुखार के मामलों में लोग बिना सलाह एंटीबायोटिक का इस्तेमाल करने से पूरी तरह बचे।।